Who Cannot Be a Witness in Property Registration? Know Legal Rules in India
प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में किसे नहीं बनाया जा सकता गवाह? जानिए जरूरी नियम और कानून
AIN NEWS 1: भारत में हर दिन हजारों करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी की खरीद और बिक्री होती है। ऐसे में प्रॉपर्टी से जुड़े नियमों और कानूनों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। किसी भी प्रॉपर्टी डील में रजिस्ट्री एक बहुत अहम प्रक्रिया होती है, जिसके बिना खरीदार को उस प्रॉपर्टी पर कानूनी अधिकार नहीं मिल सकता। रजिस्ट्री के समय दो गवाहों की आवश्यकता अनिवार्य रूप से होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर व्यक्ति गवाह नहीं बन सकता?
इस लेख में हम जानेंगे कि किन व्यक्तियों को गवाह नहीं बनाया जा सकता और क्यों। साथ ही, हम आपको बताएंगे कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से जुड़े कौन-कौन से कानून लागू होते हैं।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में गवाहों की भूमिका
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें दस्तावेजों का सत्यापन, खरीददार और विक्रेता की पहचान, और डील की पुष्टि की जाती है। इस प्रक्रिया में दो गवाहों का होना अनिवार्य होता है। गवाहों का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि डील पारदर्शिता और सहमति से हुई है। ये गवाह कोर्ट में भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए जा सकते हैं, यदि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद हो।
किन लोगों को नहीं बनाया जा सकता गवाह?
रजिस्ट्री के दौरान गवाहों को लेकर कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं। जिन लोगों को गवाह नहीं बनाया जा सकता, वे निम्नलिखित हैं:
1. 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति
भारतीय कानून के अनुसार, केवल वही व्यक्ति किसी कानूनी दस्तावेज में गवाह बन सकता है जिसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष हो। 18 साल से कम उम्र का व्यक्ति कानूनन बालिग नहीं होता और उसकी गवाही को वैध नहीं माना जाता।
2. खरीदार और विक्रेता स्वयं
कोई भी व्यक्ति जो उस डील में सीधे तौर पर शामिल है — यानी खरीदार या विक्रेता — उसे गवाह नहीं बनाया जा सकता। इसका कारण यह है कि उनकी गवाही पक्षपाती हो सकती है और उसका कानूनी मूल्य कम होता है।
3. मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति
जिस व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है या जो अपनी बातों और कामों को समझने में सक्षम नहीं है, उसे भी गवाह नहीं बनाया जा सकता। एक गवाह को यह भलीभांति समझ होना चाहिए कि वह किन शर्तों और परिस्थितियों में गवाही दे रहा है।
गवाह के लिए जरूरी योग्यताएं
गवाह बनने के लिए कुछ विशेष योग्यताओं का होना जरूरी है:
व्यक्ति की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए।
मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए।
किसी भी पक्ष (खरीदार या विक्रेता) से संबंध इतना करीबी न हो कि गवाही पक्षपातपूर्ण मानी जाए।
डील की पूरी जानकारी होनी चाहिए जैसे कि कीमत, शर्तें और दोनों पक्षों की सहमति।
कौन-कौन गवाह बन सकता है?
रिश्तेदार, दोस्त या जानकार व्यक्ति जो कानूनी रूप से सक्षम हो।
ऐसे व्यक्ति जो डील में कोई वित्तीय लाभ नहीं ले रहे हों।
ऐसे लोग जिनकी पहचान प्रमाणिक दस्तावेजों (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि) से की जा सके।
रजिस्ट्री प्रक्रिया से जुड़े प्रमुख कानून
भारत में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 (Indian Registration Act, 1908) के तहत होती है। यह कानून रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेजों को वैधता देने, साक्ष्य के रूप में सुरक्षित रखने, धोखाधड़ी को रोकने और संपत्ति के स्वामित्व की पुष्टि करने के लिए बनाया गया है।
इस अधिनियम के अंतर्गत निम्नलिखित बातें आती हैं:
सभी संपत्ति दस्तावेजों का पंजीकरण अनिवार्य है।
रजिस्ट्री के समय सभी पक्षों की सहमति जरूरी है।
गवाहों की उपस्थिति और पहचान अनिवार्य है।
दस्तावेज रजिस्ट्री ऑफिस में तय समय के अंदर प्रस्तुत किए जाने चाहिए।
गवाह का क्या महत्व है?
गवाह इस बात का प्रमाण होता है कि रजिस्ट्री के समय दोनों पक्ष उपस्थित थे और उन्होंने अपनी मर्जी से डील की। यदि भविष्य में कोई विवाद होता है, तो यही गवाह कोर्ट में गवाही देकर सच्चाई सामने ला सकते हैं। इसलिए, गवाह का चयन सोच-समझकर और नियमों के अनुसार ही करना चाहिए।
प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री एक बड़ा निवेश और महत्वपूर्ण निर्णय होता है। ऐसे में उसकी रजिस्ट्री प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गलती गंभीर परिणाम दे सकती है। गवाहों का चयन करते समय ऊपर बताए गए नियमों का पालन अवश्य करें। गलत व्यक्ति को गवाह बनाना न केवल रजिस्ट्री को अवैध बना सकता है, बल्कि भविष्य में कानूनी विवाद की वजह भी बन सकता है।
इसलिए, रजिस्ट्री करते समय हर कदम सावधानीपूर्वक और कानून के अनुसार उठाएं।
Understanding property registration witness rules is essential for a smooth real estate transaction in India. According to the Registration Act 1908, not everyone is eligible to act as a witness in property registration. From age restrictions to mental competence and conflict of interest, several legal aspects must be considered while choosing witnesses. This guide simplifies the key rules so you can avoid legal errors during any property deal in India.