AIN NEWS 1 | पुरी रथयात्रा के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत और करीब 50 लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद ओडिशा की मोहन माझी सरकार ने त्वरित और सख्त कार्रवाई करते हुए पुरी के डीएम और एसपी को हटा दिया, जबकि DCP विष्णुपति और कमांडेंट अजय पाधी को ड्यूटी में लापरवाही के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
मुआवजा और जांच का ऐलान
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। सीएम मोहन माझी ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी निगरानी विकास आयुक्त करेंगे।
चंचल राणा को नया जिला कलेक्टर और पिनाक मिश्रा को नया एसपी नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री ने मांगी माफी
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए भगवान जगन्नाथ के भक्तों से माफी मांगी। उन्होंने लिखा:
“मैं और मेरी सरकार सभी भक्तों से क्षमा मांगते हैं। हम मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
पूर्व CM नवीन पटनायक का भी बयान
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने भी घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि:
“ओडिशा सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। लगातार दो दिन भीड़ प्रबंधन में विफलता दिखी है।”
पटनायक ने तीन श्रद्धालुओं के निधन पर संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
The Puri Rath Yatra stampede triggered strong administrative action by the Odisha government, following the tragic deaths of three devotees and injuries to over 50. Chief Minister Mohan Majhi removed the district collector and SP of Puri, while suspending DCP Vishnu Pati and Commandant Ajay Padhi for dereliction of duty. The government announced ₹25 lakh compensation to the families of the deceased and ordered a high-level investigation. Former CM Naveen Patnaik criticized the state for failing to manage crowd control during the sacred festival.