SP MLA Ramakant Yadav Sentenced to 3 Months Jail by Court in 19-Year-Old Protest Case
सपा विधायक रमाकांत यादव को 19 साल पुराने चक्का जाम मामले में तीन महीने की सजा
AIN NEWS 1: आजमगढ़ की एमपी-एमएलए कोर्ट का बड़ा फैसला, समाजवादी पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा, जब फूलपुर पवई से विधायक और पूर्व सांसद रमाकांत यादव को अदालत ने 19 साल पुराने मामले में तीन महीने की सजा सुनाई। यह फैसला आजमगढ़ की एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सुनाया। रमाकांत यादव के साथ इस केस में तीन अन्य लोगों को भी सजा दी गई है। कोर्ट ने सभी चारों को 3-3 महीने की जेल और 1300 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया।
क्या था मामला?
यह मामला साल 2006 का है। 22 फरवरी 2006 को रमाकांत यादव ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर विभिन्न मांगों को लेकर पवई चौक पर चक्का जाम किया था। इस प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में यातायात ठप हो गया था और प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। उस समय के पवई थाना प्रभारी मूलचंद चौरसिया ने रमाकांत यादव और अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। आरोपियों में राधेश्याम, रामकृपाल, दयाराम भास्कर, रामकिशन राजभर, रामफल और त्रिवेणी भी शामिल थे।
मुकदमे की स्थिति और फैसला
इस केस की सुनवाई पिछले कई वर्षों से चल रही थी। इस दौरान आरोपी राधेश्याम की मृत्यु हो गई थी। वहीं, साल 2022 में दो अन्य आरोपी रामफल और त्रिवेणी ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। इसके चलते उन्हें केवल 1500 रुपये का जुर्माना भरने की सजा दी गई थी।
बाकी बचे चार आरोपियों – रमाकांत यादव, रामकृपाल, दयाराम भास्कर और रामकिशन राजभर – के खिलाफ मुकदमा जारी रहा। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी विपिन चंद्र भास्कर ने तीन गवाह पेश किए। मंगलवार को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने चारों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।
रमाकांत यादव इस समय जेल में बंद
गौरतलब है कि रमाकांत यादव इस समय एक अन्य गंभीर मामले में जेल में हैं। हाल ही में आजमगढ़ में जहरीली शराब कांड सामने आया था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में रमाकांत यादव पर भी आरोप लगे हैं और वह फतेहगढ़ जेल में बंद हैं।
रमाकांत यादव की राजनीतिक यात्रा
रमाकांत यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति का जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने 1985 में राजनीति में कदम रखा और फूलपुर-पवई से पहली बार विधायक बने। इसके बाद उन्होंने लगातार तीन बार यह सीट जीती। 1996 में वे आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए और इसके बाद चार बार लोकसभा में पहुंचे।
उनका राजनीतिक सफर सिर्फ चुनावी जीत-हार तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि वे कई दलों में शामिल होते रहे। 2019 में भाजपा ने उन्हें लोकसभा टिकट नहीं दिया तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया, लेकिन चुनाव हार गए। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा में शामिल होकर फूलपुर-पवई सीट से फिर विधायक चुने गए।
विवादों से रहा है नाता
रमाकांत यादव का नाम समय-समय पर विवादों में भी रहा है। 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान मतगणना से पहले बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी के साथ कथित मारपीट के मामले में भी उन्हें जेल जाना पड़ा था।
इस पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक हस्तियों के पुराने मामलों में भी अदालतें सख्त रवैया अपना रही हैं। रमाकांत यादव को सजा मिलने से समाजवादी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर ऐसे समय में जब चुनावी मौसम का माहौल बन रहा है।
Samajwadi Party leader and SP MLA Ramakant Yadav has been sentenced to 3 months in jail by the Azamgarh MP-MLA court in a 19-year-old roadblock case from 2006. The court found him and three others guilty of blocking traffic in Phulpur Pawai, leading to a serious disruption. Ramakant Yadav, a former MP and current MLA, is already lodged in Fatehgarh jail due to his alleged involvement in the Azamgarh spurious liquor case. His criminal record and political journey, which includes stints with BJP, Congress, and SP, show the turbulent career of this controversial leader from Uttar Pradesh. This court verdict could impact the Samajwadi Party’s image ahead of upcoming elections.