AIN NEWS 1: केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस के खिलाफ अपने विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बताना चाहते हैं कि यदि इससे गांधी परिवार को खुशी मिलती है, तो वे खुलकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर सकते हैं।
रवनीत सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब राहुल गांधी ने सिखों के खिलाफ कुछ कहा, तो उन्हें देश के सबसे बड़े दुश्मन गुरपतवंत सिंह पन्नू का समर्थन मिला, जो खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह का आयोजन कर रहे हैं। पन्नू ने राहुल गांधी के समर्थन में बयान दिया, जिसे सुनकर उन्होंने दो दिन तक इंतजार किया कि क्या कांग्रेस या कांग्रेस अध्यक्ष इस पर कोई विरोध जताएंगे।
बिट्टू ने कहा कि जब कांग्रेस ने इस बयान की निंदा नहीं की, तो यह स्पष्ट हो गया कि मलिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के नेता पन्नू के साथ खड़े हैं। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को चुनौती दी कि वे अपनी नीतियों को स्पष्ट करें और यह बताएं कि वे किसके साथ हैं।
इस स्थिति में बिट्टू ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आतंकवादियों और उनके समर्थकों के साथ खड़ी है, जबकि उन्हें यह समझना चाहिए कि देश की सुरक्षा और एकता पहले आती है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि यदि वे इस तरह के विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से गांधी परिवार को खुश करने में लगे हैं, तो यह उनके लिए शर्म की बात है।
इस बयान ने राजनीतिक माहौल में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस को अब अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी और यह दिखाना होगा कि वे अपने नेताओं के बयानों के प्रति कितनी जिम्मेदार हैं।
रवनीत सिंह ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस अपने नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो यह उनकी सहमति का संकेत होगा। यह राजनीतिक बयानबाजी अब केवल कांग्रेस के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार, बिट्टू के बयान ने कांग्रेस और उसके नेताओं की वैचारिक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और वह अपने दृष्टिकोण को कैसे स्पष्ट करती है।
राजनीति में इस प्रकार के बयानों का होना आम बात है, लेकिन जब बात देश की सुरक्षा और एकता की आती है, तो सभी राजनीतिक दलों को अपने विचारों में गंभीरता और स्पष्टता बरतनी चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति में न केवल बयानबाजी महत्वपूर्ण है, बल्कि उस पर कार्रवाई और प्रतिक्रिया भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।