AIN NEWS 1 दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने एक बयान में कहा है कि “एक देश, एक चुनाव” का सिद्धांत भारत में लागू नहीं होना चाहिए। उनका कहना है कि चुनाव हर महीने होने चाहिए ताकि नेता जनता के प्रति जिम्मेदार रहें।
#WATCH | Delhi: AAP's National Spokesperson Priyanka Kakkar says, "One nation one elections should not be implemented in the country, infact, elections should be held every month so that they remain accountable to the people… The country needs one nation one education, to… pic.twitter.com/rsg4LynhWp
— ANI (@ANI) September 19, 2024
प्रियंका ने यह भी कहा कि देश को “एक देश, एक शिक्षा” की आवश्यकता है। उनका मानना है कि इससे गरीब बच्चों को भी वही शिक्षा मिलेगी जो अमीर बच्चों को मिलती है। उन्होंने “एक देश, एक उपचार” की भी मांग की, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई भेदभाव न हो।
प्रियंका ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती दी कि यदि वे वास्तव में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने में सक्षम हैं, तो उन्हें पहले महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के चुनाव आयोजित करने चाहिए।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब चुनावी प्रक्रिया को लेकर विभिन्न दलों के बीच बहस जारी है। प्रियंका के अनुसार, नियमित चुनावों से सरकारों की जवाबदेही बढ़ेगी और लोगों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकारों में समानता होनी चाहिए। “एक देश, एक शिक्षा” के तहत सभी बच्चों को समान अवसर मिलेंगे, जिससे समाज में समानता स्थापित होगी।
प्रियंका ने स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रिया को स्थिर करने की बजाय, इसे लगातार सक्रिय रखा जाना चाहिए। इससे नेताओं को लोगों की जरूरतों और समस्याओं के प्रति सजग रहना होगा।
इस प्रकार, प्रियंका कक्कड़ ने चुनावी सुधारों के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को भी शामिल किया गया है। उनका यह मानना है कि सही नीतियों के माध्यम से भारत में समानता और न्याय की स्थापना की जा सकती है।
भाजपा की नीति पर सवाल उठाते हुए, उन्होंने जोर दिया कि यदि भाजपा चुनावी सुधारों की बात कर रही है, तो उन्हें पहले अपने राज्यों में चुनावों का संचालन करना चाहिए। इससे यह साबित होगा कि वे अपने दावों पर खरे उतरने में सक्षम हैं।
इस प्रकार, प्रियंका कक्कड़ का यह बयान एक व्यापक चर्चा का हिस्सा है, जो चुनावी सुधारों और सामाजिक समानता की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर देता है।
निष्कर्ष
प्रियंका कक्कड़ ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है, जिसमें चुनाव, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की समानता की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। उनका मानना है कि नियमित चुनावों से नेताओं की जवाबदेही बढ़ेगी और समाज में समानता को बढ़ावा मिलेगा।
ऐसे समय में जब चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं, प्रियंका की बातें सोचने पर मजबूर करती हैं कि कैसे एक समर्पित और जिम्मेदार सरकार बनाई जा सकती है।