प्रेम और आस्था की मिसाल: रुबा की घर वापसी और मंदिर में विवाह!

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Ruba Embraces Sanatan Dharma, Marries Rajesh in Temple Ceremony

अलीगढ़ की रुबा ने अपनाया सनातन धर्म, राजेश से की मंदिर में शादी

AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसमें एक मुस्लिम युवती रुबा ने अपने प्रेमी राजेश के लिए इस्लाम धर्म को त्यागकर सनातन धर्म को अपनाया और मंदिर में विवाह किया। इस साहसी कदम के पीछे सिर्फ प्रेम ही नहीं, बल्कि अपने विचारों और विश्वासों के प्रति आत्मसम्मान की भावना भी थी।

कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी

राजेश, जो बरेली जिले के शाही क्षेत्र का रहने वाला है, अक्सर अलीगढ़ के इगलास में रहने वाले अपने एक दोस्त से मिलने आता था। यहीं पर उसकी मुलाकात रुबा से हुई। पहली मुलाकात में दोनों के बीच हल्की-फुल्की बातचीत हुई, और धीरे-धीरे दोनों ने एक-दूसरे से मोबाइल नंबर साझा कर लिए।

वक्त के साथ दोनों की बातचीत बढ़ती गई और एक मजबूत रिश्ता बन गया। लेकिन जब बात शादी की आई, तो धर्म एक बड़ी दीवार बनकर खड़ी हो गई। राजेश हिन्दू था और रुबा मुस्लिम। दोनों के परिवारों ने इस रिश्ते का विरोध किया।

रुबा का फैसला: प्रेम से बड़ा कोई धर्म नहीं

जब रिश्ते को लेकर परिवारों की तरफ से मंजूरी नहीं मिली, तब रुबा ने खुद राजेश से शादी की इच्छा जताई। उसने स्पष्ट कहा कि वह अपने फैसले को लेकर पूरी तरह से मानसिक रूप से तैयार है। राजेश ने भी साफ किया कि धर्म का अंतर भविष्य में परेशानी खड़ी कर सकता है, लेकिन रुबा ने उसे विश्वास दिलाया।

इस्लाम धर्म छोड़ सनातन धर्म को अपनाना

रुबा ने बताया कि वह इस्लाम के कुछ रीति-रिवाजों से असहज महसूस करती थी, खासकर तीन तलाक और हलाला जैसी परंपराएं उसे सही नहीं लगती थीं। उसने कहा कि उसका इस्लाम से कोई व्यक्तिगत बैर नहीं है, लेकिन वह सनातन धर्म की ओर अधिक आकर्षित थी।

3 अप्रैल को वह बरेली पहुंची और 10 अप्रैल को राजेश के साथ एक मंदिर में गई, जहां पंडित ने विधिवत शुद्धिकरण कराया। गंगाजल और गोमूत्र से शुद्धिकरण के बाद उसने अपना नाम बदलकर ‘रुबी’ रख लिया और राजेश के साथ सात फेरे लेकर विवाह किया।

मंदिर में हुआ विवाह समारोह

मंदिर में हुए इस विवाह में पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों का पालन किया गया। राजेश ने रुबी की मांग में सिंदूर भरकर उसे अपनी पत्नी स्वीकार किया। शादी के बाद दोनों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है, क्योंकि रुबी को अपने परिवार से खतरे की आशंका है।

परिवार की प्रतिक्रिया और पुलिस कार्रवाई

रुबी के परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। हालांकि, रुबी ने स्पष्ट किया है कि वह बालिग है और अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। उसका कहना है कि किसी ने उस पर कोई दबाव नहीं डाला, यह पूरी तरह से उसका व्यक्तिगत और स्वेच्छिक निर्णय है।

समाज के लिए संदेश

यह कहानी सिर्फ प्रेम की नहीं, बल्कि आत्मनिर्णय, स्वतंत्रता और धार्मिक मान्यताओं के सम्मान की भी है। रुबी और राजेश की कहानी समाज में ऐसे रिश्तों के लिए प्रेरणा बन सकती है जो सामाजिक या धार्मिक रुकावटों के कारण अधूरे रह जाते हैं।

Ruba from Aligarh made headlines after embracing Sanatan Dharma and leaving Islam to marry her Hindu boyfriend Rajesh. Her conversion to Hinduism and temple marriage reflect a powerful ghar wapsi journey. Interfaith love stories like theirs, especially involving a Muslim girl marrying a Hindu boy, raise important questions about religious freedom and social norms. Ruby and Rajesh’s story is a testament to love transcending religion in India.

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