AIN NEWS 1 | पहलगाम आतंकी हमले को लेकर यूरोपीय यूनियन (EU) की टिप्पणी पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने यूरोपीय देशों के दोहरे रवैये पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत उन देशों को पसंद करता है जो साझेदारी करते हैं, न कि उपदेश देते हैं।
जयशंकर ने कहा,
“जब हम दुनिया को देखते हैं तो हम भागीदारों की तलाश करते हैं, हम उपदेशकों की तलाश नहीं करते… ख़ासकर उन उपदेशकों की जो खुद अपने देश में पालन नहीं करते। यूरोप का कुछ हिस्सा अभी भी इस समस्या से जूझ रहा है, हालांकि कुछ में सुधार भी हुआ है।”
पृष्ठभूमि:
यह बयान उस वक्त आया है जब यूरोपीय यूनियन ने हालिया पहलगाम हमले, जिसमें 26 श्रद्धालु मारे गए, पर चिंता जताई थी लेकिन भारत के कड़े कदमों को लेकर परोक्ष रूप से सवाल भी उठाए। इससे पहले भी भारत ने विदेशी हस्तक्षेप और कथित ‘मानवाधिकार उपदेशों’ को सिरे से खारिज किया है।
भारत की विदेश नीति का स्पष्ट संकेत:
एस जयशंकर के इस बयान से भारत का स्पष्ट रुख सामने आता है कि वह अब वैश्विक मंच पर समानता और सम्मान पर आधारित रिश्तों को प्राथमिकता देता है, न कि पूर्वाग्रह और परामर्श के आधार पर।
External Affairs Minister Dr. S. Jaishankar responded sharply to the European Union’s remarks on the Pahalgam terror attack, stating that India is seeking partners, not preachers. Addressing the issue of selective moral preaching, Jaishankar highlighted the hypocrisy of certain European nations that advise others while failing to uphold the same standards at home. His statement reaffirms India’s firm stance on global cooperation rooted in mutual respect.