AIN NEWS 1 लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार संतों के बीच लड़ाई शुरू करवा रही है। उन्होंने यह बयान लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग दूसरों को खुद से बड़ा नहीं मानते, वे ‘योगी’ कैसे हो सकते हैं।
सपा प्रमुख ने योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में कहा कि एक व्यक्ति योगी तब होता है, जब वह अपने विचारों से लोगों को सही मार्ग दिखाए, न कि केवल अपने कपड़ों से। उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति योगी नहीं होता उसके कपड़े से, बल्कि उसके शब्दों और आचरण से।” उनका यह बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एक अप्रत्यक्ष तंज था, जो अक्सर भगवा कपड़े पहनते हैं और खुद को योगी के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
अखिलेश यादव ने राज्य सरकार की बुलडोज़र नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “जो लोग सरकार चलाने का काम करते हैं, वे बुलडोज़र चला रहे हैं। विकास का प्रतीक अब विनाश का प्रतीक बन चुका है।” उनका यह बयान यूपी सरकार के विवादास्पद बुलडोज़र अभियान पर था, जो आरोपों के अनुसार गरीबों और कमजोर वर्गों के घरों को उखाड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
सपा प्रमुख ने इस अभियान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक अत्यधिक नकारात्मक कदम है, और इससे न केवल लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि समाज में असंतोष भी बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को पहले यह समझना चाहिए कि किसी भी विकास की वास्तविक पहचान उसके लोगों की खुशहाली में होती है, न कि विनाश की नीति में।
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी सरकार पर लगाए गए 25 लाख रुपये के जुर्माने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर बुलडोज़र कार्रवाई के खिलाफ कड़ी सजा दी है। यह जुर्माना यूपी सरकार की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लगाया गया, जिसमें कहा गया था कि यह कार्रवाई कानून का उल्लंघन है और यह मनमानी तरीके से की जा रही है।
अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को और जोर देते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार के इस कदम ने न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वर्तमान सरकार कानून के प्रति कितनी असंवेदनशील है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य में विकास को केवल बुलडोज़र से नहीं, बल्कि लोगों के अधिकारों का सम्मान करके और उनका भला करके हासिल किया जा सकता है।
अखिलेश यादव के इस बयान ने यूपी सरकार के खिलाफ एक बार फिर से विपक्ष को एकजुट किया और इस विवादित मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की।