AIN NEWS 1: संभल (उत्तर प्रदेश) को शिवभक्तों के लिए एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थान बताते हुए, ज़िला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने हाल ही में इस नगर की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संभल को ‘शम्भू की नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव की उपासना का एक प्रमुख केंद्र है।
शिव मंदिरों से घिरा संभल
डीएम ने बताया कि संभल की भौगोलिक संरचना शिव की उपासना के लिए अत्यंत उपयुक्त है। इस नगर के तीन कोनों पर शिव मंदिर स्थित हैं, जो इसे एक त्रिकोणीय धार्मिक स्थल का रूप देते हैं। इन मंदिरों की आध्यात्मिक महत्ता के चलते संभल शिवभक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है।
नगर की अद्वितीय संरचना
उन्होंने कहा कि संभल की संरचना भी इसे विशेष बनाती है। नगर के बीच में 19 कूप (कुएं) हैं, जो इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को दर्शाते हैं। इसके अलावा, यहाँ 36 पूर्वी बस्तियाँ, 52 सराय और 68 तीर्थ स्थल स्थित हैं। इन सभी को मिलाकर नगर में कुल 87 देवतीर्थ मौजूद हैं, जो इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
डीएम ने यह भी कहा कि संभल की इस अनूठी पहचान को राज्य और देश स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रशासन प्रयासरत है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहाँ की ऐतिहासिक धरोहरों और तीर्थ स्थलों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
संभल की पौराणिकता का संदेश
डीएम का यह बयान यह दर्शाता है कि संभल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी संरचना और पौराणिक महत्व इसे और भी खास बनाते हैं। यह नगर शिवभक्तों के लिए एक ऐसा स्थान है, जहाँ अध्यात्म, इतिहास और प्रकृति का संगम देखने को मिलता है।
संभल की इस पौराणिकता और धार्मिक महत्ता को जीवंत बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। इसके जरिए इसे न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी पहचान दिलाने की योजना है।