Sambhal Violence Case Update: Court Summons SP MP Ziaurrahman Barq and 23 Others in Mosque Survey Clashes
संभल हिंसा मामला: सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क समेत 23 लोगों को कोर्ट का समन, 8 अगस्त को पेशी
AIN NEWS 1: संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। जामा मस्जिद सर्वे के विरोध में भड़की इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। अब इस मामले में विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद के सदर जफर अली समेत 23 लोगों को तलब किया है। कोर्ट ने इन सभी को 8 अगस्त 2025 को पेश होने का आदेश दिया है।
1100 पन्नों की चार्जशीट, सांसद पर हिंसा भड़काने का आरोप
पुलिस ने इस मामले में 18 जून 2025 को 1100 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हिंसा का मुख्य सूत्रधार बताया गया है। आरोप है कि उन्होंने लोगों को उकसाने और भड़काने का काम किया, जिससे हालात बिगड़े। जामा मस्जिद के सदर जफर अली पर गलत साक्ष्य प्रस्तुत करने और आम जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया गया है।
बाकी आरोपियों पर पुलिस पर जानलेवा हमला करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आपराधिक षडयंत्र रचने और नफरती भाषण देने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
सांसद की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट से स्टे
इस मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट से स्थगनादेश (स्टे) मिला हुआ है। इसलिए पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी है। वहीं, जफर अली को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन वे फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
हिंसा में चार की मौत, 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल
संभल की इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा 30 से ज्यादा अधिकारी और पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे। पुलिस ने हिंसा के बाद 12 मुकदमे दर्ज किए, जिनमें से 11 में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
मस्जिद में मंदिर होने का दावा, भड़का विवाद
दरअसल, 19 नवंबर 2024 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी, जिसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद की जगह पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था। कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर ने 24 नवंबर को सर्वे शुरू किया। उसी दिन सर्वे के दौरान विवाद बढ़ गया और हालात हिंसक हो गए।
गत 2 जनवरी 2025 को कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें मंदिर होने के साक्ष्य मिलने का दावा किया गया था। इसी के बाद मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली का नाम जांच में आया और 23 मार्च 2025 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एक अगस्त को वे जमानत पर बाहर आए।
सांसद से लंबी पूछताछ, एक आरोपी को क्लीनचिट
इस मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क से भी 8 अप्रैल 2025 को पुलिस ने चार घंटे तक पूछताछ की थी। वहीं, हिंसा के दौरान दर्ज एक मामले में सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल को भी नामजद किया गया था। हालांकि, पुलिस जांच में सुहैल इकबाल को क्लीनचिट मिल गई है।
आगे क्या होगा?
अब एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई शुरू होगी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वे 8 अगस्त को हाजिर हों। अगर आरोपी कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो आगे की सख्त कार्रवाई की संभावना है।
यह मामला सिर्फ संभल के लिए ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि इसमें एक सांसद, मस्जिद के सदर और कई स्थानीय नेताओं पर गंभीर आरोप लगे हैं। अदालत की अगली सुनवाई में यह साफ हो सकता है कि इन आरोपियों पर आगे क्या कार्रवाई होगी और न्यायिक प्रक्रिया किस दिशा में जाएगी।
The Sambhal violence case has taken a crucial turn as the MP-MLA court issues summons to SP MP Ziaurrahman Barq and 23 others involved in the clashes during the Jama Masjid survey. The violence, triggered by claims of a temple structure beneath the mosque, resulted in four deaths and injuries to over 30 police personnel. A 1,100-page chargesheet names the MP as the key instigator, while mosque head Jafar Ali faces charges of presenting false evidence. This case highlights the sensitive nature of religious disputes in Uttar Pradesh and is expected to impact future political and legal proceedings in the state.