AIN NEWS 1: सत्य सनातन युवा वाहिनी की एक विशेष बैठक में देश में बढ़ते धर्मांतरण और जनसंख्या असंतुलन पर गहरी चिंता जताई गई। बैठक की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गौड़ ने की, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत इस समय जनसंख्या असंतुलन की गंभीर स्थिति से जूझ रहा है। इस समस्या को और अधिक गहरा करने का काम वे लोग कर रहे हैं जो धर्मांतरण जैसी गतिविधियों में लिप्त हैं।
श्री गौड़ ने अपने वक्तव्य में कहा कि कुछ लोग — जैसे कि छगंगुल बाबा जैसे तथाकथित धार्मिक नेता — भोली-भाली जनता, खासकर गरीब और अशिक्षित वर्ग को बहकाते हैं। वे लालच देकर, डर दिखाकर और झूठे वादे कर धर्म परिवर्तन करवाते हैं। यह न केवल सामाजिक संतुलन को बिगाड़ता है, बल्कि देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को भी कमजोर करता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को चिन्हित करके समाज को एकजुट होकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, वर्तमान कानून इतने सशक्त नहीं हैं कि ऐसे अपराधियों को कठोर सजा दिलाई जा सके। यही कारण है कि अक्सर ये लोग कानून की पकड़ से बच निकलते हैं और फिर से अपने एजेंडे को फैलाने लगते हैं।
ठोस केंद्रीय कानून की जरूरत
इस बैठक में सत्य सनातन युवा वाहिनी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनीत हिंदू ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि संगठन पूरे देश में इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि संगठन जल्द ही अपने सभी प्रांतों और जिला इकाइयों के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपेगा, जिसमें धर्मांतरण के खिलाफ एक समान और कठोर केंद्रीय कानून की मांग की जाएगी।
विनीत हिंदू ने कहा कि यदि पूरे देश में एक समान कानून बनता है तो इससे धर्मांतरण की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे कुछ राज्य सरकारें अपने स्तर पर इस विषय में कानून बना चुकी हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एकसमान कानून की आवश्यकता है ताकि पूरे भारत में यह नियम लागू हो सके।
संगठन के अन्य सदस्यों का समर्थन
बैठक में मौजूद संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होशियार सिंह नागर ने भी इस अभियान को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक संगठन का विषय नहीं, बल्कि पूरे समाज की चेतना का सवाल है। हमें मिलकर इस धर्मांतरण रूपी विष का इलाज ढूंढना होगा, वरना आने वाली पीढ़ियां अपनी पहचान और परंपरा खो देंगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि संगठन देश के अलग-अलग हिस्सों में जनजागरण अभियान चलाएगा, जहां धर्मांतरण के शिकार लोगों को न केवल कानूनी सहायता दी जाएगी, बल्कि उन्हें मानसिक, सामाजिक और धार्मिक रूप से पुनर्स्थापित करने का भी प्रयास किया जाएगा।
धर्मांतरण के खतरे और समाधान
धर्मांतरण कोई नया मुद्दा नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में इसकी गति और गहराई में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। खासकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में कई संगठन और व्यक्तियों द्वारा लालच, भय और भ्रम फैलाकर धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। यह न केवल संविधान के अनुच्छेद 25 की भावना का उल्लंघन है, बल्कि भारत की सामाजिक एकता के लिए भी खतरा है।
सत्य सनातन युवा वाहिनी का मानना है कि यदि सरकार इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती तो देश का धार्मिक स्वरूप अस्थिर हो सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि एक ऐसा कानून बने जिसमें जबरन, धोखे या लालच से किए गए धर्मांतरण को दंडनीय अपराध घोषित किया जाए और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान हो।
इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि सत्य सनातन युवा वाहिनी केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतना का वाहक बन चुका है। संगठन न केवल अपने सदस्यों को जागरूक कर रहा है, बल्कि पूरे देश को एकजुट करके एक वैचारिक और कानूनी क्रांति की ओर बढ़ रहा है। अब देखना यह है कि सरकार इस मांग पर कितना और कब तक गंभीर रुख अपनाती है।
Satya Sanatan Yuva Vahini is planning to submit a memorandum to the Hon’ble Prime Minister and the President of India, urging the formation of a strict central anti-conversion law. The organization highlighted rising cases of forced and fraudulent religious conversions and emphasized the threat to Hindu culture, national security, and social harmony. The memorandum calls for uniformity in laws, judicial checks, and severe penalties for those involved in coercive conversions.