AIN NEWS 1 मेरठ: 16 साल पहले हुए एक तिहरे हत्याकांड के मामले में आरोपी शीबा सिरोही को आखिरकार दुबई से वापस आना पड़ा। आरोपी इजलाल के बयान के आधार पर पुलिस ने शीबा को इस मामले में मुल्जिम बनाया था।
शीबा सिरोही, जिनके पिता सेना में कर्नल थे, जमानत मिलने के बाद दुबई में बिजनेस करने चली गई थीं। हालांकि, जब मुकदमा ट्रायल पर आया, तो उन्हें वापस आना पड़ा। शीबा ने दिल्ली में रहते हुए नोएडा की एक कंपनी में नौकरी कर ली थी। वहीं, लोहियानगर थाने के गांव काजीपुर निवासी एक व्यक्ति से दोस्ती हो गई थी, जो उसे कचहरी ले जाने में मदद करता था।
शीबा की मुलाकात वर्ष 2005 में आबूलेन पर मीट कारोबारी इजलाल से हुई थी। शुरुआत में इजलाल ने शीबा का पीछा किया, लेकिन बाद में दोनों में दोस्ती हो गई। उस समय शीबा अपने कैप्टन पति से तलाक लेकर अपनी मां मंजू के साथ राधा गार्डन, गंगानगर में रह रही थीं।
इजलाल ने पुलिस को बताया कि शीबा ने उसे उकसाया था कि वह सुनील ढाका, सुधीर उज्जवल, और पुनीत गिरी की हत्या कर दे क्योंकि ये लोग उसे परेशान कर रहे थे। इजलाल ने शीबा की बात मानकर इन तीनों की हत्या कर दी। इस बयान के आधार पर पुलिस ने शीबा को मुकदमे में आरोपी बनाया।
हत्या के बाद, शीबा ने राधा गार्डन का मकान बेच दिया और दिल्ली में एक फ्लैट खरीद लिया। इसके बाद पुलिस ने शीबा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जमानत मिलने के बाद, शीबा अपनी मां के पास दुबई चली गई, जहां उसने बिजनेस शुरू किया। मुकदमे के ट्रायल के दौरान, शीबा को कोर्ट में बुलाया जाने लगा, जिससे उसे छह महीने पहले दुबई से लौटना पड़ा। फिलहाल, वह नोएडा की एक कंपनी में बतौर मैनेजर काम कर रही हैं।
हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें पहले शीबा और फिर इजलाल जेल में प्रवेश करते हुए दिखाए गए हैं। शीबा ने इजलाल से कभी मुलाकात नहीं की। शीबा के अधिवक्ता, जगत सिंह के अनुसार, वह छह महीने पहले ही दुबई से लौटकर दिल्ली में आ गई थीं।