AIN NEWS 1 | अक्तूबर 2024 में एक खास खगोलीय घटना होने वाली है—सूर्य ग्रहण। यह कोई साधारण सूर्य ग्रहण नहीं होगा, बल्कि ‘वलयाकार सूर्य ग्रहण’ होगा, जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे ग्रहण के दौरान सूर्य की एक आग जैसी चमकती रिंग आसमान में नजर आती है।
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य का प्रकाश धरती पर आना बंद हो जाता है। यह स्थिति कुछ समय के लिए सूर्य को ढक देती है, जिसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा की परछाई धरती पर पड़ती है और हमें सूर्य का कुछ या पूरा हिस्सा ढका हुआ दिखाई देता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण क्या है?
सूर्य ग्रहण कई प्रकार के होते हैं। वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी से थोड़ा दूर होता है। इस दूरी के कारण चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता और उसके किनारे नजर आते हैं, जो कि आग के छल्ले यानी ‘रिंग ऑफ फायर’ जैसा दिखाई देता है।
कब लगेगा सूर्य ग्रहण?
अक्तूबर 2024 में लगने वाला यह वलयाकार सूर्य ग्रहण चरणों में घटित होगा। अमेरिका के स्थानीय समय के अनुसार, यह ग्रहण 11:42 बजे सुबह आंशिक रूप से शुरू होगा। दोपहर 12:50 बजे वलयाकार सूर्य ग्रहण दक्षिणी प्रशांत महासागर से शुरू होगा और शाम 4:39 बजे अटलांटिक महासागर में खत्म होगा।
क्या भारत में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में नजर आएगा। अर्जेंटीना और चिली जैसे देशों में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा। वहीं, दक्षिणी अमेरिका के बाकी हिस्सों में आंशिक रूप से यह ग्रहण दिखेगा, लेकिन भारत के आसमान में यह दृश्य नहीं देखा जाएगा।
खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए एक खास अवसर
सितंबर और अक्तूबर 2024 खगोलीय घटनाओं के लिहाज से काफी खास होंगे। सितंबर में चंद्र ग्रहण और अक्तूबर में सूर्य ग्रहण लगेगा। भले ही यह सूर्य ग्रहण भारत में न दिखाई दे, लेकिन खगोल प्रेमियों के लिए यह एक अहम और दिलचस्प घटना होगी।