AIN NEWS 1 | लद्दाख इन दिनों उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। हालात बिगड़ते जा रहे हैं और इसी बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब मशहूर पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने अचानक गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को हुई इस गिरफ्तारी ने पूरे देश का ध्यान खींचा। वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लेकर अज्ञात जगह ले जाया गया। गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद प्रशासन ने एहतियातन लेह में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दीं।
इस कार्रवाई पर सबसे भावुक प्रतिक्रिया उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो की तरफ से आई। उन्होंने मीडिया के सामने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि सरकार ने उनके पति के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया है।
पत्नी गीतांजलि का पहला बयान: “मेरे पति अपराधी नहीं हैं”
गीतांजलि अंगमो ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“बिना सुनवाई और बिना किसी ठोस वजह के मेरे पति को अपराधियों की तरह गिरफ्तार किया गया। यह किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए शर्मनाक है।”
गीतांजलि ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर उनके पति की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि वांगचुक पिछले पांच वर्षों से शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने देश और समाज के लिए कई ऐसे काम किए हैं जो भारत की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करते हैं।
सोनम वांगचुक का योगदान क्यों है खास?
गीतांजलि ने इस बात पर जोर दिया कि सोनम वांगचुक सिर्फ एक पर्यावरणविद् नहीं हैं, बल्कि देश के लिए गर्व का विषय रहे हैं।
उन्होंने शिक्षा, कृषि और जलवायु संरक्षण के क्षेत्र में काम किया।
उन्हें Rolex Awards जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिला।
UNDP और कई वैश्विक संगठनों के साथ मिलकर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल की।
लद्दाख के कठिन इलाकों में उन्होंने टिकाऊ विकास और ग्रीन टेक्नोलॉजी के प्रोजेक्ट शुरू किए।
गीतांजलि के मुताबिक, “ऐसे व्यक्ति को अपराधी की तरह ट्रीट करना न केवल गलत है बल्कि भारत की छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।”
सरकार और बीजेपी पर सीधा हमला
गीतांजलि अंगमो ने बीजेपी पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल खुद को हिंदूवादी बताता है, लेकिन उसके कदम हिंदुत्व की बुनियाद से मेल नहीं खाते।
उन्होंने कहा:
“कृपया उन्हें बताइए कि वे खुद को हिंदू न कहें… क्योंकि हिंदू धर्म का आधार सत्य है। झूठ और सत्ता का दुरुपयोग हिंदू मूल्यों का हिस्सा नहीं हो सकता।”
गीतांजलि ने आगे बताया कि वह खुद वेद, वेदांत और भगवद गीता की शिक्षिका और छात्रा हैं। उन्होंने कहा कि यह वह भारत नहीं है जिसकी कल्पना श्री अरबिंदो ने की थी।
“खुली बहस की चुनौती”
गीतांजलि अंगमो ने सरकार को सीधी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर वाकई उनके पति पर FCRA या CBI जांच से जुड़े आरोप सच हैं, तो सरकार को चाहिए कि वह इसे साबित करने के लिए खुली बहस करे।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार और सोनम वांगचुक के बीच इन मुद्दों पर एक लाइव प्राइम-टाइम डिबेट होनी चाहिए ताकि देश की जनता खुद सच्चाई देख सके।
गिरफ्तारी से बढ़ी अशांति
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने लद्दाख की स्थिति को और भी संवेदनशील बना दिया है।
इंटरनेट बंद होने से आम लोग असुविधा का सामना कर रहे हैं।
स्थानीय संगठनों और युवाओं में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
सोशल मीडिया पर #ReleaseSonamWangchuk ट्रेंड कर रहा है।
लोगों का मानना है कि शांतिपूर्ण आंदोलन करने वाले व्यक्ति को जेल में डालना लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है।
पत्नी की चिंता और आह्वान
गीतांजलि अंगमो ने कहा कि वह अपने पति की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सरकार क्यों ऐसे व्यक्ति से डर रही है जो केवल लद्दाख और देश के भविष्य के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने कहा:
“अगर इस देश में बुद्धिजीवियों और इनोवेटर्स को अपराधियों की तरह पेश किया जाएगा, तो यह हमारे लोकतंत्र और समाज दोनों के लिए खतरे की घंटी है।”
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर पत्नी गीतांजलि अंगमो का बयान यह साफ करता है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रता की लड़ाई से जुड़ा है। जहां एक ओर सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ रही है, वहीं दूसरी ओर परिवार और समर्थक इसे शांतिपूर्ण आवाज को दबाने की कोशिश मान रहे हैं।
लद्दाख का यह विवाद आने वाले समय में और गंभीर रूप ले सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस विरोध को कैसे संभालते हैं और सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर देशभर में उठ रही आवाजों का क्या असर पड़ता है।



















