AIN NEWS 1: दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित एक महत्वपूर्ण समारोह के दौरान कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद सोनिया गांधी ने नेहरू सेंटर इंडिया का औपचारिक उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने देश की मौजूदा राजनीति और इतिहास को लेकर अपनी स्पष्ट और तीखी राय रखी। उनके भाषण का केंद्रबिंदु था—आज के राजनीतिक माहौल में जवाहरलाल नेहरू की विरासत को कमजोर करने की कोशिश।
नेहरू को बदनाम करने का आरोप
सोनिया गांधी ने मंच से सीधे तौर पर आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल की राजनीति का एक बड़ा हिस्सा आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की छवि को धूमिल करने पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि,
“आज के दौर में नेहरू को कलंकित करना एक संगठित परियोजना बन चुकी है। यह सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और लोकतांत्रिक सोच पर हमला है।”
सोनिया ने यह भी कहा कि नेहरू की विरासत केवल कांग्रेस की नहीं, बल्कि पूरे भारत की साझा धरोहर है। उनके अनुसार, नेहरू भारत की आधुनिकता, वैज्ञानिक सोच, लोकतंत्र और संस्थाओं के निर्माण के प्रतीक रहे हैं। ऐसे में उनकी छवि को कमजोर करना मूल रूप से देश की आधारशिला को कमजोर करने जैसा है।
नेहरू सेंटर इंडिया की शुरुआत का उद्देश्य
उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहानी और भावनाओं के मिश्रण के साथ बताया कि नेहरू सेंटर इंडिया का गठन केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भारत के निर्माण की यात्रा को समझाने की पहल है।
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उन्होंने कहा कि यह संस्थान युवाओं को बताएगा:
नेहरू किस तरह भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने में केंद्रीय भूमिका निभाते रहे।
स्वतंत्रता के बाद देश को वैज्ञानिक एवं तकनीकी दिशा देने में उनकी सोच कितनी महत्वपूर्ण थी।
कैसे उन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक सम्मानजनक और निष्पक्ष आवाज के रूप में स्थापित किया।
सोनिया गांधी के अनुसार, यह केंद्र भारत के इतिहास और विचारों को केवल प्रदर्शित ही नहीं करेगा, बल्कि शोध, संवाद और सीखने का मंच भी बनेगा।
राजनीतिक माहौल पर तंज और चेतावनी
सोनिया गांधी का भाषण राजनीतिक रूप से काफी तीखा रहा। उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसी राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है जो इतिहास को खंडित रूप में प्रस्तुत करती है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“जब किसी नेता की छवि को मिटाने की कोशिश होती है, तो उसका उद्देश्य केवल उस व्यक्ति को हटाना नहीं होता, बल्कि उस व्यक्ति से जुड़े विचार, मूल्य और संस्थाओं को भी नष्ट करना होता है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि देश का युवा वर्ग भ्रमित किया जा रहा है और इतिहास को जिस तरह से बदला या तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, वह एक चिंता का विषय है।
सोनिया के अनुसार, नेहरू और उनके योगदान पर सवाल उठाकर लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, वैज्ञानिक सोच और धर्मनिरपेक्षता पर चोट की जा रही है।
नेहरू की विरासत क्यों महत्वपूर्ण है?
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में नेहरू की कुछ प्रमुख उपलब्धियों और योगदानों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा:
भारत की संसदीय प्रणाली नेहरू के नेतृत्व में मजबूत नींव पर खड़ी हुई।
आईआईटी, आईआईएससी, इसरो जैसे संस्थान उनकी वैज्ञानिक दृष्टि का परिणाम हैं।
गुटनिरपेक्ष आंदोलन ने भारत को दुनिया में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष आवाज दी।
लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को उन्होंने हमेशा सर्वोच्च माना।
उन्होंने कहा कि यह सब बताता है कि नेहरू केवल एक नेता नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को आकार देने वाले विचारक भी थे।
नेहरू को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?
सोनिया गांधी ने इशारों ही इशारों में कहा कि जब किसी सरकार के पास जनता को दिखाने के लिए अपने ठोस काम नहीं होते, तब वह इतिहास के नायकों पर सवाल उठाकर ध्यान भटकाने की कोशिश करती है।
उन्होंने कहा,
“एक नेता कितना ही महान क्यों न हो, उसे मिटाने की कोशिश करके इतिहास नहीं बदला जा सकता। इतिहास वही रहेगा, चाहे उसे कितनी भी बार तोड़ने की कोशिश की जाए।”
उनके अनुसार, नेहरू पर हमले इसलिए भी किए जाते हैं क्योंकि उनकी सोच आज भी लोकतंत्र और विविधता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
नेहरू सेंटर इंडिया से उम्मीदें
इस केंद्र के बारे में बताते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यह एक ऐसा स्थान बनेगा जहाँ:
लोग नेहरू के कार्यों और विचारों से प्रेरणा ले सकें
शोधकर्ता और विद्यार्थी इतिहास के साथ तथ्य आधारित संवाद कर सकें
लोकतांत्रिक मूल्यों पर खुली चर्चा हो सके
भारत की आधुनिक यात्रा को लोगों के सामने सरल भाषा में रखा जा सके
उन्होंने कहा कि संस्थान का उद्देश्य किसी विचारधारा को थोपना नहीं, बल्कि इतिहास को उसके सही रूप में प्रस्तुत करना है।
समारोह का माहौल
उद्घाटन समारोह में कांग्रेस नेता, बुद्धिजीवी, शिक्षाविद और बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए।
सोनिया गांधी को सुनने के लिए उपस्थित भीड़ में उत्साह देखा गया।
कार्यक्रम में नेहरू की तस्वीरों, उनके भाषणों और उनके कार्यों को प्रदर्शित करते हुए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
समापन में संदेश
अपने भाषण के अंतिम हिस्से में सोनिया गांधी ने कहा कि भारत को मजबूत करने का तरीका इतिहास से सीखना है, न कि उसे मिटा देना।
उन्होंने कहा,
“नेहरू केवल अतीत का हिस्सा नहीं, हमारे वर्तमान और भविष्य का महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं।”
Sonia Gandhi’s remarks at the launch of Nehru Centre India have reignited the political debate surrounding Jawaharlal Nehru’s legacy. By accusing the ruling party of deliberately attempting to undermine Nehru’s contributions to India’s democratic foundation, scientific progress, and national identity, she highlighted the ongoing conflict over historical narratives in Indian politics. This article explores the significance of Nehru’s legacy, the purpose of Nehru Centre India, and the broader implications of Sonia Gandhi’s criticism.



















