मशहूर पत्रकार सुधीर चौधरी जल्द ही DD न्यूज़ पर एक हाई-बजट शो लेकर आ रहे हैं, जिसे उनकी ही कंपनी Essprit Productions Pvt Ltd प्रोड्यूस करेगी। इस डील की कीमत ₹15 करोड़ प्रति वर्ष (प्लस GST) बताई जा रही है। लेकिन यह सौदा विवादों में घिर गया है क्योंकि प्रसार भारती की कानूनी टीम ने इसके कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई थी, फिर भी इसे मंज़ूरी दे दी गई।
क्या है यह डील?
11 मार्च को जारी एक आंतरिक नोट के अनुसार, Essprit Productions को DD न्यूज़ स्टूडियो से पांच दिन प्रति सप्ताह, कुल 260 एपिसोड्स का एक घंटे का शो प्रोड्यूस करने का काम दिया गया है। कंपनी रिसर्च, स्क्रिप्टिंग और प्रोडक्शन की ज़िम्मेदार होगी, जबकि सुधीर चौधरी एंकरिंग करेंगे।
शो के लिए DD न्यूज़ के ऑफिस की 10वीं मंज़िल पर ₹9.25 लाख का रेनोवेशन भी हो रहा है। दिलचस्प बात यह है कि यह डील बिना ओपन टेंडर के सीधे नामांकन के आधार पर दी गई, जो कि सामान्यतः “विशेष परिस्थितियों” या “विशेषज्ञता की आवश्यकता” के मामलों में ही किया जाता है।
कैसे हुआ सुधीर चौधरी का चयन?
सुधीर चौधरी का चयन एक सर्च एंड सिलेक्शन कमेटी ने किया, जिसकी अध्यक्षता प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य अशोक टंडन कर रहे थे। कमेटी का तर्क था कि “शीर्ष मीडिया एंकर सामान्य टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे”, इसलिए सीधे चयन करना पड़ा।
शुरुआत में, सौदे की बातचीत के लिए एक समझौता समिति (Negotiation Committee) बनाई गई थी, जिसका नेतृत्व आकाशवाणी (AIR) के एडिशनल डायरेक्टर जनरल एल. मधु नाग कर रहे थे। लेकिन टीवी न्यूज़ प्रोडक्शन में अनुभव की कमी का हवाला देते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, TMSO के एडिशनल डायरेक्टर जनरल वेद प्रकाश ने ज़िम्मेदारी संभाली और 6 से 20 फरवरी के बीच पांच बार मीटिंग कर डील को फाइनल किया।
आखिरकार, ₹15 करोड़ प्रति वर्ष (प्लस GST) की रकम पर सहमति बनी, जो कि 2012 में CBC द्वारा स्वीकृत ₹28.6 करोड़ की दर से कम थी, लेकिन इस डील की पारदर्शिता पर अब सवाल उठ रहे हैं।
क़ानूनी आपत्तियों की अनदेखी?
प्रसार भारती की कानूनी टीम ने इस डील के कई प्रावधानों को लेकर सवाल उठाए थे, क्योंकि ये Content Sourcing Policy (CSP) 2024 के नियमों के विरुद्ध थे। फिर भी, प्रबंधन समिति ने इन आपत्तियों को खारिज कर सौदे को मंजूरी दे दी। इनमें शामिल हैं:
- मासिक भुगतान प्रणाली, जबकि CSP 2024 के तहत किश्तों में भुगतान का प्रावधान है।
- कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की 6 महीने की नोटिस अवधि, जबकि नीति के अनुसार यह 1 महीने की होनी चाहिए।
- प्रोडक्शन कंपनी को वार्डरोब क्रेडिट्स देने की अनुमति, जो आमतौर पर सरकारी चैनलों में नहीं दी जाती।
- अगर शो के लिए यात्रा करनी पड़ेगी, तो सुधीर चौधरी को बिजनेस क्लास टिकट और 5-स्टार होटल में ठहराया जाएगा, जबकि टीम के अन्य सदस्यों को भी पद के अनुसार सुविधाएं दी जाएंगी।
- हर साल 10% की वृद्धि, यानी कॉन्ट्रैक्ट की कुल राशि साल-दर-साल बढ़ती रहेगी।
टैक्सपेयर्स के पैसे से प्राइवेट शो?
क्योंकि DD न्यूज़ को पब्लिक फंड से चलाया जाता है, कई लोगों का मानना है कि टैक्सपेयर्स के पैसे से किसी निजी कंपनी (Essprit Productions) को लाभ पहुंचाना अनुचित है। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब सरकार द्वारा मीडिया पर प्रभाव बढ़ाने की चिंताएं पहले से ही उठ रही हैं।
प्रसार भारती के चेयरमैन नवीन सेहगल और सुधीर चौधरी से इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला।
अब सवाल यह है कि क्या यह डील बिना किसी रुकावट के पास हो जाएगी या फिर जनता और मीडिया के दबाव में इसे दोबारा जांचा जाएगा? आने वाले दिनों में इस पर बड़ा फैसला हो सकता है!