AIN NEWS 1: पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 में तीन मंदिरों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से दिल्ली हाई कोर्ट जाने को कहा और सुनवाई से इनकार कर दिया। यह मामला तब चर्चा में आया जब एडवोकेट विष्णु जैन ने इसे आपातकालीन स्थिति बताया और कहा कि मस्जिदों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत हस्तक्षेप किया था।
रात को नोटिस, सुबह बुलडोजर
मामला पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 के तीन मंदिरों – पूरबो दिल्ली काली बारी, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर से जुड़ा है। एडवोकेट विष्णु जैन के अनुसार, 20 मार्च की रात 9 बजे मंदिरों पर नोटिस चिपकाया गया और सुबह 500 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
देर रात दाखिल इस याचिका पर विशेष अनुरोध पर सुबह तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई तय की गई। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता शामिल थे। शुरू में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से दोपहर 2 बजे सुनवाई की बात कही और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के वकील को भी नोटिस की कॉपी देने का निर्देश दिया। लेकिन थोड़ी देर बाद जस्टिस विक्रम नाथ ने साथी जजों से चर्चा की और याचिका को हाई कोर्ट भेजने का निर्देश दिया।
वकील ने मस्जिद विध्वंस मामले का हवाला दिया
एडवोकेट विष्णु जैन ने दलील दी कि जहांगीर पुरी की मस्जिद पर बुलडोजर कार्रवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई कर रोक लगाने का आदेश दिया था। लेकिन मंदिरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। इस पर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि दोनों मामले अलग हैं और इस मुद्दे को दिल्ली हाई कोर्ट में उठाने का विकल्प मौजूद है।
DDA की कार्रवाई और प्रशासन का रुख
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने अपने नोटिस में कहा कि 25 अक्टूबर 2023 को प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में धार्मिक समिति की बैठक हुई थी। इसमें निर्णय लिया गया कि कानून की प्रक्रिया के तहत अनधिकृत धार्मिक निर्माण को हटाया जाएगा। इसी के तहत 20 मार्च 2025 को कार्रवाई की गई।
विरोध और अगला कदम
मंदिरों पर बुलडोजर चलाए जाने से स्थानीय लोग और श्रद्धालु नाराज हैं। वे इसे धार्मिक स्थलों पर प्रशासनिक दखल बता रहे हैं। अब यह मामला हाई कोर्ट में उठाया जाएगा, जहां याचिकाकर्ता को न्याय की उम्मीद है।
The Supreme Court of India has refused to stop the bulldozer action on three temples in Mayur Vihar Phase 2, Delhi. The petitioners were advised to approach the Delhi High Court instead. Advocate Vishnu Jain argued that when a mosque in Jahangirpuri faced a similar demolition drive, the Supreme Court intervened immediately. However, in the case of these Hindu temples, the court denied a hearing. This has led to significant controversy regarding temple demolitions in Delhi, the role of DDA, and religious rights in India. The case is now expected to be taken up by the Delhi High Court.