AIN NEWS 1: बार-बार पेशाब आने के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार
पेशाब की प्रक्रिया
पेशाब में अतिरिक्त जल और नमक होता है, जिसे गुर्दे (किडनी) रक्त से अलग करके मूत्र बनाते हैं। मूत्र गुर्दों से पतली नलिकाओं (मूत्रवाहिनी) के माध्यम से मूत्राशय तक पहुँचता है। मूत्राशय भरने पर, नसें मेरूरज्जु के माध्यम से मस्तिष्क को संदेश भेजती हैं। पेशाब करने पर, मस्तिष्क एक संदेश भेजता है जिससे मूत्राशय की दीवार (डेटरुसर मसल) संकुचित होती है और स्फिंक्टर मसल खुलती है। पेशाब की प्रक्रिया में मांसपेशियों का समन्वय होता है, जिसमें कोई बाधा पेशाब में समस्या पैदा कर सकती है।
बार-बार पेशाब आने के लक्षण
– शुरू में केवल रात में पेशाब की समस्या।
– धीरे-धीरे दिन में भी बार-बार पेशाब की समस्या।
– पेशाब करने में कठिनाई और अंत में बूंद-बूंद कर पेशाब आना।
– पेशाब के रंग में बदलाव, जैसे नारंगी रंग, गहरा पीला, या लाल रंग।
– दर्द के साथ पेशाब आना।
बार-बार पेशाब आने के कारण
1. मूत्राशय की अत्यधिक सक्रियता : अत्यधिक सक्रिय मूत्राशय के कारण बार-बार पेशाब आना।
2. डायबिटीज : उच्च रक्त शर्करा के कारण मूत्र से अतिरिक्त ग्लूकोज बाहर निकलता है।
3. मूत्र पथ संक्रमण (UTI) : मूत्र पथ में संक्रमण के कारण बार-बार पेशाब आना।
4. इंटरस्टेशियल सिस्टाइटिस : मूत्राशय की सूजन के कारण दर्द और बार-बार पेशाब आना।
5. प्रेगनेंसी : गर्भावस्था के दौरान ब्लैडर पर दबाव के कारण।
6. हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं : अतिरिक्त तरल को बाहर निकालने के लिए दवाओं का प्रभाव।
7. प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना : मूत्रमार्ग पर दबाव के कारण।
8. मनोवैज्ञानिक कारण : चिंता और तनाव के कारण बार-बार पेशाब आना।
पेशाब की समस्या से राहत के घरेलू उपचार
1. आंवला : 2 चम्मच आंवले के रस को एक गिलास पानी में मिलाकर पीएं।
2. सेब : सोने से पहले रोजाना 2-3 सेब का सेवन करें।
3. दही : दही का सेवन करें, जो बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।
4. अदरक : दो चम्मच अदरक का रस सुबह और शाम लें।
5. अनार का जूस : रोजाना एक गिलास अनार का जूस पीएं।
6. पालक : रात के भोजन में पालक का सेवन करें।
7. केला : रोजाना 2 केले खाएं।
8. मेथी के बीज : मेथी के बीज को हल्की आंच पर गर्म करके सेवन करें।
9. चना : भुना चना और गुड़ का सेवन करें।
बार-बार पेशाब आने से बचाव के उपाय
– मीठे पदार्थ, कॉफी और मिर्च-मसाले से परहेज करें।
– संतुलित आहार लें और शराब से दूर रहें।
– शरीर की सफाई का ध्यान रखें और टॉयलेट की स्वच्छता बनाए रखें।
– पानी और तरल पदार्थों का पर्याप्त सेवन करें।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
– जब बिना किसी कारण के बार-बार पेशाब आए।
– जब मूत्र में रक्त दिखाई दे।
– जब मूत्र का रंग लाल या गहरा भूरा हो।
– जब पेशाब रोकने में कठिनाई हो।
आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि योग पीठ के सह-संस्थापक और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ, ने इन घरेलू उपायों के माध्यम से बार-बार पेशाब की समस्या से राहत पाने की सलाह दी है।