AIN NEWS 1 | सर्दियों के मौसम में जब ठंड ने अपना कब्ज़ा जमा लिया है, वहाँ एक अद्वितीय साधना की कहानी उजागर हो रही है। माता अंजलि नाथ, जो पिछले 8-9 सालों से हर साल दिसम्बर, जनवरी और फरवरी में अपनी साधना के लिए शिवालय आती हैं, दर्शाती हैं कि साधना की शक्ति का क्या महत्त्व होता है।
उनका साधना का कार्यक्रम 3:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक का होता है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी इस अनूठी साधना का आधार है तप और ध्यान। माता अंजलि नाथ ने इसके अलावा अप्रैल, मई और जून में अग्नि साधना करने का भी संकल्प लिया है।
माता अंजलि नाथ: शीतकाल में ध्यान और साधना की महिमा pic.twitter.com/2KMpk9cAK8
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) February 7, 2024
इस साधना में विशेष ध्यान श्री राम मन्दिर के 500 साल के इंतजार के बाद लिया जा रहा है, जिसके साथ उन्होंने अपनी साधना की गहराई को और भी बढ़ाया है।
ब्रह्मलीन गुरु महंत श्री श्री 1000 श्री योगी सुन्दर नाथ महाराज जी के नेतृत्व में, इस साधना में उनके साथ कई साधू संत भी शामिल हैं, जो लोक कल्याण की आशा से अपना योगदान दे रहे हैं।
इस अद्भुत साधना की कहानी ने साधु-संतों के तप और साधना की महत्ता को पुनः सामने लाया है, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए अपना समर्पण करते हैं। इस साधना के माध्यम से माता अंजलि नाथ ने समाज को ध्यान में लाने का प्रयास किया है और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया है।