AIN NEWS 1 लखनऊ: आज लखनऊ में पद्म भूषण और ‘युग तुलसी’ पंडित रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में एक भव्य भावांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और पंडित रामकिंकर जी के योगदान को याद किया।
पंडित रामकिंकर उपाध्याय का जीवन सनातन धर्म के मूल्यों और प्रभु श्री राम के आदर्शों के प्रति समर्पित रहा। उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से समाज में धर्म, संस्कृति और मानवता के प्रति एक सशक्त संदेश पहुँचाया। उनके विचार और शिक्षाएँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विशेष अवसर पर पंडित रामकिंकर जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “उनका जीवन और कार्य हमें सिखाते हैं कि हमें हमेशा धर्म और आदर्शों के मार्ग पर चलना चाहिए। पंडित जी ने अपने कार्यों से न केवल एक महान कलाकार के रूप में पहचान बनाई, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास किया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित रामकिंकर उपाध्याय का योगदान भारतीय कला और संस्कृति में अमूल्य है। उनके द्वारा स्थापित मानक आज भी कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों को भी बधाई दी और आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी होते रहेंगे, जिससे युवा पीढ़ी को अपने महान संतों और कलाकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।
भावांजलि कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जिसमें पंडित रामकिंकर जी की कला को प्रदर्शित किया गया। उनकी कलाकृतियों और विचारों को दर्शकों के समक्ष पेश किया गया, जिससे सभी ने उनकी महानता का अनुभव किया।
इस आयोजन ने न केवल पंडित रामकिंकर उपाध्याय के प्रति सम्मान प्रकट किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे उनके आदर्शों को अपनाकर हम अपने समाज को और बेहतर बना सकते हैं।
कार्यक्रम का समापन श्रद्धांजलि और उनकी कला को सलाम करते हुए हुआ। इस अवसर पर उपस्थित सभी ने पंडित रामकिंकर जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
इस विशेष आयोजन के प्रति सभी ने हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और इस बात की पुष्टि की कि पंडित रामकिंकर उपाध्याय जैसे महान व्यक्तित्व को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनका योगदान सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेगा।