AIN NEWS 1 | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कुल 96 देशों पर लगाए गए भारी टैरिफ का असर अब 1 अगस्त से नहीं, बल्कि 7 अगस्त 2025 से देखने को मिलेगा। व्हाइट हाउस द्वारा जारी ताज़ा बयान में यह जानकारी दी गई है कि टैरिफ की नई तारीख तय कर दी गई है, जिससे भारत को थोड़ी राहत मिली है।
ट्रंप ने 30 जुलाई को घोषणा की थी कि भारत पर 25 प्रतिशत, पाकिस्तान पर 19 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 20 प्रतिशत और अफगानिस्तान पर 15 प्रतिशत टैरिफ लागू किया जाएगा। हालांकि अब इन सभी देशों को एक हफ्ते का अतिरिक्त समय मिल गया है।
अमेरिका का दबाव बनाने का रणनीतिक प्रयास
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका द्वारा टैरिफ की घोषणा केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम है। यह भारत पर दबाव बनाने की एक कोशिश है ताकि वो अमेरिका के साथ जल्द से जल्द व्यापारिक समझौता कर ले।
पूर्व अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री निशा बिस्वाल ने भी इस निर्णय को एक रणनीतिक चाल करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस कदम के जरिए भारत को बातचीत की मेज पर लाना चाहता है, खासकर कृषि और डेयरी क्षेत्रों में समझौते को लेकर।
क्यों अटकी हुई है ट्रेड डील?
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने कृषि (एग्रीकल्चर) और डेयरी सेक्टर्स को अमेरिकी उत्पादों के लिए खोल दे।
हालांकि भारत ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। भारत का कहना है कि वह अपने कृषि और डेयरी सेक्टर्स को पूरी तरह से अमेरिका के लिए नहीं खोल सकता, क्योंकि इससे देश के करोड़ों किसानों और उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा।
भारत का विरोध क्यों है?
भारत की आपत्ति मुख्य रूप से अमेरिका के डेयरी प्रोडक्ट्स पर है। अमेरिका अपने डेयरी उत्पादों को भारत में निर्यात करना चाहता है, लेकिन भारत का कहना है कि अमेरिका में पशुओं को जिस तरह से चारा दिया जाता है, वह भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है।
दरअसल, अमेरिका में डेयरी पशुओं को जो आहार दिया जाता है, उसमें सुअर और अन्य जानवरों की चर्बी शामिल होती है। भारत का मानना है कि ऐसे उत्पादों को देश में लाना करोड़ों भारतीयों की भावनाओं और स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित कर सकता है।
ट्रंप की टैरिफ नीति और उसका उद्देश्य
डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह से भारत सहित कई देशों पर टैरिफ लगाया है, उसका उद्देश्य अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और व्यापार संतुलन स्थापित करना है। उनके अनुसार, इन टैरिफ्स से अमेरिका के उद्योगों को फायदा होगा और अन्य देशों पर आर्थिक दबाव भी बढ़ेगा।
किन देशों को मिली राहत?
भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका, नेपाल जैसे कुल 96 देशों को इस टैरिफ से फिलहाल राहत मिली है। सभी को 7 अगस्त तक का समय दिया गया है ताकि वे अमेरिका के साथ किसी समझौते तक पहुंच सकें या अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकें।
भारत के लिए आगे क्या विकल्प हैं?
भारत के पास अब दो ही रास्ते हैं:
समझौता करना: अगर भारत अमेरिका की कुछ शर्तें मान लेता है, तो शायद टैरिफ स्थायी रूप से टल सकता है।
विरोध जारी रखना: अगर भारत अपने स्टैंड पर कायम रहता है, तो 7 अगस्त के बाद टैरिफ लागू हो जाएगा, जिसका असर भारतीय निर्यात पर पड़ेगा।
भारत सरकार ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है और जल्द ही अमेरिका के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की संभावना है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?
अगर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे। इससे भारत के निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है, खासकर टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स में।
लेकिन भारत इस टैरिफ के बावजूद अपने रुख पर डटा है, क्योंकि वह अपने किसानों, धार्मिक भावनाओं और घरेलू उद्योगों के हितों से समझौता नहीं करना चाहता।
भारत को अमेरिका से टैरिफ पर फिलहाल एक हफ्ते की राहत मिल गई है, लेकिन यह सिर्फ एक अस्थायी समाधान है। दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार वार्ता में अभी भी कई पेच हैं, खासकर कृषि और डेयरी उत्पादों को लेकर।
अगर भारत और अमेरिका किसी संतुलित समझौते तक नहीं पहुंचे, तो यह टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो सकता है, जिसका असर दोनों देशों के व्यापार संबंधों पर पड़ेगा।
In a major development for international trade, US President Donald Trump has postponed the implementation of a 25% tariff on India and 96 other countries until August 7, 2025. This delay offers temporary relief as India and the US continue negotiations over contentious trade issues, particularly concerning the agriculture and dairy sectors. The Trump India tariff delay is seen as a strategic pressure move amid efforts to finalize a comprehensive US-India trade deal.