UNSC Questions Pakistan Over India-Pakistan Tensions and Terror Links
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत-पाक तनाव पर बैठक: पाकिस्तान से पूछे गए कड़े सवाल, आतंकवाद पर जताई चिंता
AIN NEWS 1: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक बंद कमरे की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की। यह बैठक पाकिस्तान के अनुरोध पर बुलाई गई थी, लेकिन परिणामस्वरूप उसे कई कठिन सवालों का सामना करना पड़ा।
बैठक का आयोजन और नेतृत्व
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मई महीने के लिए अध्यक्षता यूनान के पास है। पाकिस्तान, जो इस समय UNSC का अस्थायी सदस्य है, ने यह मुद्दा परिषद में उठाया। पाकिस्तान के आग्रह पर 6 मई को एक अनौपचारिक बंद कमरे की बैठक बुलाई गई। इस बैठक की अध्यक्षता यूनान के स्थायी प्रतिनिधि एवं वर्तमान अध्यक्ष राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने की।
पाकिस्तान को सीधे सवालों का सामना
बैठक में कई सदस्यों ने पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े किए। खासतौर पर हाल ही में श्रीनगर में डल झील के पास पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को लेकर चिंता जताई गई। कुछ देशों ने पूछा कि क्या इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता हो सकती है। इसके अलावा पाकिस्तान से आतंकवाद पर नियंत्रण और जवाबदेही को लेकर स्पष्ट रुख मांगा गया।
संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों की जानकारी
संयुक्त राष्ट्र में राजनीतिक और शांति निर्माण मामलों के विभाग (DPPA) और शांति अभियान विभाग (DPO) के लिए कार्यरत खालिद मोहम्मद खैरी ने सुरक्षा परिषद को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच स्थिति बेहद अस्थिर है और इसे सिर्फ शांतिपूर्ण संवाद के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने दोहराया कि दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए और सीधी बातचीत करनी चाहिए।
UNSC सदस्यों की राय
बैठक में शामिल अधिकांश देशों ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकारते हुए तनाव को जल्द कम करने की अपील की। रूस के एक राजनयिक ने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह तनाव जल्द समाप्त होगा और दोनों देश शांति की दिशा में आगे बढ़ेंगे।”
सुरक्षा परिषद के कुछ अन्य सदस्यों ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से अपने मुद्दों का समाधान तलाशना चाहिए, न कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसका राजनीतिकरण करना चाहिए।
कोई प्रस्ताव नहीं, पाकिस्तान की कोशिश विफल
बैठक के बाद न तो कोई औपचारिक प्रस्ताव पारित हुआ और न ही UNSC अध्यक्ष की ओर से कोई बयान जारी किया गया। इस पर भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान की कोशिश विफल रही। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान बार-बार बहुपक्षीय मंचों का इस्तेमाल कर दुनिया का ध्यान खींचने की कोशिश करता है, लेकिन हर बार उसे निराशा ही मिलती है।”
आतंकवाद पर जताई गई गहरी चिंता
बैठक के दौरान भारत में हाल में हुए आतंकी हमलों पर विशेष चर्चा हुई। कई सदस्यों ने धार्मिक आधार पर निर्दोष लोगों, विशेषकर पर्यटकों को निशाना बनाए जाने पर गहरी चिंता जताई। यह भी पूछा गया कि क्या पाकिस्तान स्थित संगठनों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं।
भारत का रुख: द्विपक्षीय हल और जवाबदेही
भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि पाकिस्तान के साथ सभी विवादों का समाधान द्विपक्षीय बातचीत के जरिये ही होना चाहिए। भारत लगातार यह भी मांग करता रहा है कि पाकिस्तान अपनी जमीन से संचालित होने वाले आतंकी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और उन्हें राजनीतिक संरक्षण देना बंद करे।
पाकिस्तान की स्थिति: अंतरराष्ट्रीय दबाव में
UNSC की यह बैठक पाकिस्तान के लिए एक और कूटनीतिक झटका साबित हुई है। उसका मकसद था कि भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए, लेकिन बैठक में उसे खुद ही जवाब देना पड़ा। आतंकवाद के मुद्दे पर बार-बार पाकिस्तान की भूमिका को लेकर संदेह जताया जाता रहा है और यह बैठक भी उसी का प्रमाण है।
चीन की चुप्पी, समर्थन नहीं
पाकिस्तान की रणनीतिक साझेदार चीन ने इस बार कोई खुला समर्थन नहीं दिया। चीन आम तौर पर पाकिस्तान के पक्ष में UNSC में सक्रिय भूमिका निभाता है, लेकिन इस बैठक में उसकी चुप्पी यह दिखाती है कि वह भी भारत-पाक तनाव के अंतरराष्ट्रीयकरण से दूरी बनाना चाहता है।
शांति और संयम ही विकल्प
UNSC की यह बैठक यह स्पष्ट करती है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत-पाक विवाद को द्विपक्षीय मामला मानता है और इसके हल के लिए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई और शांति संवाद को ही प्राथमिकता देता है। पाकिस्तान की रणनीति उसे बार-बार असफलता की ओर ले जा रही है। यदि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से लिया जाना है, तो उसे आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस अपनाना होगा और भारत के साथ सार्थक बातचीत का रास्ता अपनाना होगा।
The United Nations Security Council (UNSC) held a closed-door meeting to address rising India-Pakistan tensions, during which Pakistan faced tough questions regarding cross-border terrorism, particularly in connection with Lashkar-e-Taiba. Discussions centered around the recent attack on tourists in Srinagar and concerns over Pakistan’s accountability. The UNSC emphasized the importance of dialogue, stability, and peaceful resolution of issues between India and Pakistan. The meeting, requested by Pakistan, did not result in any official statement or resolution, underscoring the diplomatic setback for Pakistan’s agenda.