UP Constable Suicide: मेरी पत्नी मेरी कोई भी बात नहीं मानती… आत्महत्या से पहले लिखा सुसाइड नोट ,यूपी पुलिस के सिपाही ने खुद को लगा ली फांसी?

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AIN NEWS 1 UP Constable Suicide: वाराणसी के चोलापुर के रहने वाले 32 वर्षीय सिपाही ओंकार पटेल का शव शनिवार सुबह को ही उसके कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला। वह आजमगढ़ मे ही डीआईजी आफिस में तैनात था। इसी 25 अप्रैल को अपनी ड्यूटी से अवकाश लेकर घर पर आया हुआ था। उसके कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसकी पत्नी ज्योति पटेल और सास-ससुर पर मानसिक प्रताड़ना करने का भी आरोप लगाते हुए उसने अपनी जान देने की बात कही है।साल 2011 बैच का यह सिपाही ओंकार पटेल बलिया में ही तैनात था। परिजनों के अनुसार शुक्रवार रात को खाना खाकर अपने कमरे में वह सोने चला गया। सुबह देर तक भी जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो परिजनों ने उन्हे आवाज लगाई। लेकीन जब अन्दर से कोई जवाब नहीं मिला तो कमरे मे खिड़की से झांका तो वह फंदे से लटका हुआ मिला। इस सूचना पर फॉरेंसिक टीम के साथ चोलापुर पुलिर मौके पर पहुंची। उसके शव को फंदे से उतरवाकर अपने कब्जे में ले लिया। कमरे से एक सुसाइड नोट मिला। चोलापुर थाना प्रभारी निरीक्षक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इस सुसाइड नोट में पत्नी ज्योति पटेल, सास और ससुर से उसे मानसिक रूप से परेशान होने की बात भी लिखी है। उसने लिखा है कि उसकी पत्नी उसकी कोई भी बात नहीं मानती है। उसके सास-ससुर ही उसे उकसाते हैं। इससे वह बहुत ही आजिज आ चुका है। बताया तो जा रहा है कि पिता रामलखन पटेल की तहरीर पर बड़ालालपुर (चांदमारी) निवासी ज्योति पटेल, सास कुसुम देवी, ससुर जयप्रकाश पटेल पर भी आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है और उनके खिलाफ़ केस भी दर्ज किया गया है। इस घटना के समय ज्योति पटेल मायके में ही रह रही थी।

इन दोनों के बीच कई बार हुआ समझौता, लेकीन नहीं बदला पत्नी का व्यवहार

इस सिपाही की शादी दो साल पहले ही हुई थी। परिजनों के अनुसार उसकी पत्नी ज्योति पटेल ज्यादातर अपने मायके में ही रहा करती थी। सास-ससुर उसकी सही से विदाई नहीं कर रहे थे। सिपाही ने सुसाइड नोट में लिखा भी है कि कई बार उनके बीच समझौते के बाद भी पत्नी के व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ। इससे वह काफ़ी आजिज आ चुका था। चोलापुर थानाप्रभारी ने इस मामले मे बताया कि सुसाइड नोट में सिपाही ने यह भी लिखा है कि उसकी मौत के बाद उसकी सरकारी सुविधाओं का लाभ उसकी पत्नी को बिलकुल न मिले। न ही उससे कोई भी शादी करें। ओंकार पटेल का छोटा भाई ओमप्रकाश पटेल भी संत कबीरनगर में ही आरक्षी है।

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