UP Mining Policy Becomes Transparent and Tech-Driven, Says CM Yogi Adityanath
“उत्तर प्रदेश की खनन नीति बनी पारदर्शिता और तकनीक का प्रतीक: मुख्यमंत्री योगी”
AIN NEWS 1 लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की गतिविधियों का गहन विश्लेषण किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य की खनन नीति अब पहले की तुलना में कहीं अधिक पारदर्शी, प्रभावी और तकनीकी रूप से उन्नत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्र केवल खनिज पदार्थों की खुदाई तक सीमित नहीं रहा है। यह अब प्रदेश की आर्थिक संरचना में एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ बन गया है। राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य में खनन क्षेत्र की भूमिका निर्णायक है।
उन्होंने कहा, “खनन क्षेत्र अब उत्तर प्रदेश के लिए सिर्फ संसाधनों का स्रोत नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का आधार, निवेश को आकर्षित करने वाला क्षेत्र और स्थानीय लोगों को रोजगार देने वाला महत्वपूर्ण सेक्टर बन चुका है।”
पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता का संगम
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि नई खनन नीति को इस तरह तैयार किया गया है, जिसमें पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है और आधुनिक तकनीक का समुचित उपयोग हो रहा है। अब खनिज ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश न के बराबर रह गई है।
राज्य सरकार ने ई-नीलामी प्रणाली को अपनाया है, जिससे खनिज संसाधनों का दोहन अब कानूनी दायरे में रहकर किया जा रहा है। इससे सरकार की आमदनी में भी बड़ा इजाफा हुआ है और निवेशकों को भी प्रक्रिया में विश्वास बढ़ा है।
खनन क्षेत्र से आर्थिक प्रगति
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खनन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस क्षेत्र से मिलने वाले राजस्व में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
राज्य सरकार के प्रयासों से खनन क्षेत्र में निवेश का माहौल बेहतर हुआ है। बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशक अब उत्तर प्रदेश के खनिज संसाधनों में रुचि दिखा रहे हैं। इससे ना केवल राज्य की जीडीपी में योगदान बढ़ा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सामने आए हैं।
स्थानीय युवाओं को रोजगार
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खनन परियोजनाओं से संबंधित कार्यों में अब स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे जहां एक ओर युवाओं को उनके गांव-शहर में ही नौकरी मिल रही है, वहीं दूसरी ओर पलायन की समस्या में भी कमी आ रही है।
सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि खनन से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं ताकि विकास के साथ-साथ सामाजिक संतुलन भी बना रहे।
पर्यावरणीय संतुलन का ध्यान
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि खनन कार्यों में पर्यावरण संरक्षण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार की नीति में यह स्पष्ट रूप से निर्देशित है कि खनन करते समय पर्यावरणीय मानकों का पालन अनिवार्य होगा। इसके लिए आवश्यक पर्यावरणीय क्लीयरेंस, पुनः वनीकरण योजना और जलस्तर की निगरानी जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं।
निवेश संवर्धन और नीतिगत स्थिरता
मुख्यमंत्री ने निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार की नीतियां स्थिर, व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखने वाली और विकास उन्मुख हैं। खनन नीति को समय-समय पर अपडेट किया जा रहा है ताकि बदलती जरूरतों के अनुसार उसका लाभ समाज के हर वर्ग को मिल सके।
डिजिटल ट्रैकिंग और निगरानी
खनन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है। जीपीएस और ड्रोन तकनीक के माध्यम से खनन की निगरानी की जा रही है ताकि अवैध खनन को रोका जा सके। यह तकनीकी पहल भी पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करती है।
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath emphasized the importance of a transparent and technology-integrated mining policy in a high-level meeting in Lucknow. He stated that the mining sector in UP is now not just a source of minerals but a driver of economic growth, investment promotion, and local employment. The state’s goal of becoming a $1 trillion economy hinges on effective mining strategies. With digital auction systems, strict environmental norms, and GPS-based monitoring, UP is setting a benchmark in responsible and sustainable mining.