UP Minister Pratibha Shukla Sits on Dharna in Akbarpur, Husband Calls Deputy CM Brajesh Pathak Over Brahmin Safety
बदलापुर सड़क विवाद पर मंत्री प्रतिभा शुक्ला का धरना, डिप्टी सीएम से पति का भावुक फोन
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के बदलापुर इलाके में सड़क निर्माण को लेकर खड़ा हुआ विवाद गुरुवार को बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एक मुकदमे से नाराज होकर अकबरपुर कोतवाली में धरने पर बैठ गईं। इस दौरान उनके पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से फोन पर बातचीत करते हुए गहरी नाराजगी जाहिर की और यहां तक कह दिया कि “अगर हमारी सुरक्षा नहीं हो सकती तो हमें राजनीति छोड़ देनी चाहिए या फिर फांसी लगा लेनी चाहिए।”
कैसे शुरू हुआ विवाद?
बदलापुर नगर पंचायत क्षेत्र में विधायक निधि से एक सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था। स्थानीय सभासद शमशाद ने यह कहते हुए काम रुकवा दिया कि सड़क गलत स्थान पर बनाई जा रही है। इस पर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला मौके पर पहुंचीं और सड़क निर्माण फिर से शुरू कराया।
मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। निर्माण कार्य में बाधा डालने और रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए ठेकेदार जहूर की तहरीर पर सभासद शमशाद के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया। बाद में नगर पंचायत अध्यक्ष दीपाली सिंह और ईओ आशीष कुमार मौके पर पहुंचे और काम बंद करवा दिया।
राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने डीएम से बात कर सड़क निर्माण दोबारा शुरू कराया। लेकिन अगले ही दिन बदलापुर गांव के बाबूराम की शिकायत पर भाजपा मंडल उपाध्यक्ष शिवा पांडेय समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ अकबरपुर थाने में केस दर्ज कर लिया गया।
मंत्री का धरना और मांगें
जैसे ही भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज होने की खबर मंत्री प्रतिभा शुक्ला तक पहुंची, वे दोपहर बाद समर्थकों के साथ अकबरपुर कोतवाली पहुंचीं। उन्होंने पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया और इंस्पेक्टर सतीश सिंह व लालपुर चौकी इंचार्ज को तत्काल हटाने की मांग पर अड़ गईं।
करीब छह घंटे तक धरना जारी रहा। माहौल इतना गंभीर हो गया कि पुलिस कप्तान मौके पर पहुंचे और चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर करने व इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच एएसपी को सौंपने का आश्वासन दिया। इसके बाद मंत्री ने धरना समाप्त किया।
पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी का गुस्सा
धरने के दौरान मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से फोन पर बात की। उन्होंने कहा:
“आपको डिप्टी सीएम ब्राह्मणों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। अगर हम पर ऐसे फर्जी मुकदमे दर्ज होंगे, हमें गालियां दी जाएंगी और सुरक्षा नहीं मिलेगी, तो हमें राजनीति क्यों करनी चाहिए? क्या हम फांसी लगा लें?”
फोन कटने के बाद वारसी ने समर्थकों से यहां तक कह दिया, “लाओ रस्सी, यहीं फांसी लगाते हैं।”
राजनीतिक हलचल और संदेश
इस पूरे घटनाक्रम से स्थानीय राजनीति में हलचल मच गई। भाजपा के भीतर ही सरकार और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी दिखी। मंत्री द्वारा धरने पर बैठने और डिप्टी सीएम से इस तरह की भावुक बातचीत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि स्थानीय नेताओं की समस्याओं को निचले स्तर पर क्यों नहीं सुलझाया जा रहा है।
वहीं, ब्राह्मण समाज के नाम पर दी गई इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई। कई लोग इसे राजनीति में जातीय समीकरणों का संकेत मान रहे हैं।
बदलापुर की यह घटना बताती है कि स्थानीय मुद्दों पर राजनीति किस तरह तनावपूर्ण मोड़ ले सकती है। एक सड़क निर्माण का मामला मंत्री के धरने, डिप्टी सीएम से भावुक बातचीत और ब्राह्मण सुरक्षा जैसे बयान तक पहुंच गया। अब देखना यह होगा कि प्रशासनिक जांच का क्या नतीजा निकलता है और क्या मंत्री की मांगों को पूरा किया जाता है।
UP Minister Pratibha Shukla staged a dharna at Akbarpur police station protesting against a case filed on BJP workers involved in a road construction dispute. Her husband and former MP Anil Shukla Varshi made an emotional phone call to Deputy CM Brajesh Pathak, raising concerns about Brahmin safety and political discrimination. This incident has triggered political tension in Uttar Pradesh and highlighted the caste dynamics within local politics.