यूपी में अपना दल (एस) को बड़ा झटका: प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने दिया इस्तीफा, सपा में होंगे शामिल!

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UP Politics: Apna Dal (S) State President Rajkumar Pal Resigns, Set to Join Samajwadi Party

यूपी में अपना दल (एस) को बड़ा झटका, प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने पार्टी छोड़ सपा का थामा दामन

AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर सामने आया है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) को बड़ा झटका लगा है, जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक राजकुमार पाल ने न सिर्फ अपने पद से इस्तीफा दिया, बल्कि पार्टी छोड़ने का भी ऐलान कर दिया। सूत्रों की मानें तो वे 10 मई को समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

राजकुमार पाल ने क्यों छोड़ी पार्टी?

राजकुमार पाल ने पार्टी छोड़ने के पीछे दो प्रमुख कारण बताए हैं—उपेक्षा और विचारधारा से भटकाव। उन्होंने अपना त्यागपत्र पार्टी प्रमुख अनुप्रिया पटेल को भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा कि उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था और पार्टी अब डॉ. भीमराव अंबेडकर एवं डॉ. सोनेलाल पटेल की मूल विचारधारा से भटक चुकी है।

उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने कई बार पार्टी नेतृत्व को इस बारे में बताया, लेकिन उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके चलते उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया।

राजनीतिक संकेत और सपा की रणनीति

राजकुमार पाल का यह कदम समाजवादी पार्टी की रणनीति के अनुरूप माना जा रहा है, जो आगामी 2027 विधानसभा चुनावों से पहले पिछड़े वर्गों और दलित समुदायों को अपने साथ जोड़ने में जुटी है। राजकुमार पाल का पार्टी में शामिल होना सपा के लिए एक बड़ा संदेश और शक्ति बढ़ाने वाला कदम साबित हो सकता है।

दो दिन पहले ही दिया था त्यागपत्र

राजकुमार पाल ने दो दिन पहले ही पार्टी को अलविदा कहने का मन बना लिया था। उन्होंने पार्टी प्रमुख को लिखे पत्र में साफ कहा कि अब वह पार्टी की विचारधारा और संचालन से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना था कि जिस सोच और मार्गदर्शन के साथ अपना दल (एस) की स्थापना हुई थी, पार्टी उससे दूर जा चुकी है।

अन्य नेताओं का भी इस्तीफा

राजकुमार पाल के इस्तीफे के बाद पार्टी के अन्य कई नेताओं ने भी पार्टी छोड़ दी है। इनमें प्रमुख रूप से पार्टी सचिव कमलेश विश्वकर्मा का नाम सामने आया है। इसके अलावा कुछ अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी भी अपना दल (एस) से इस्तीफा देकर सपा की ओर रुख कर सकते हैं।

भविष्य की राजनीति पर असर

अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन में है और आने वाले चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई है। यह इस्तीफा ना केवल अपना दल बल्कि बीजेपी के लिए भी चिंता का विषय बन सकता है, क्योंकि पिछड़ी जातियों का समर्थन अब खिसकता नजर आ रहा है।

ओपी राजभर की बगावत के बाद दूसरा झटका

इससे पहले ओपी राजभर की सुभासपा में भी बड़ी बगावत देखने को मिली थी, जब कई पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी थी। अब अपना दल (एस) में हो रही टूट भी उसी राह पर जाती दिख रही है, जो यह दर्शाता है कि बीजेपी की सहयोगी दलों में अंदरूनी असंतोष गहराता जा रहा है।

2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति पर असर

यह घटनाक्रम 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। राजकुमार पाल जैसे प्रभावशाली नेता का सपा में जाना न सिर्फ पार्टी को लाभ देगा, बल्कि बीजेपी और अपना दल (एस) के गठबंधन पर भी गंभीर प्रभाव डालेगा।

राजकुमार पाल का इस्तीफा और सपा में शामिल होने का फैसला उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़े बदलाव की ओर संकेत करता है। यह सिर्फ एक व्यक्ति का राजनीतिक निर्णय नहीं है, बल्कि एक सामाजिक और वैचारिक विमर्श का हिस्सा है, जो आने वाले चुनावों में बड़े प्रभाव की भूमिका निभा सकता है।

In a major jolt to BJP’s ally Apna Dal (S) ahead of the 2027 UP Assembly elections, the party’s state president Rajkumar Pal has resigned, citing ideological deviation and neglect. He is expected to join the Samajwadi Party on May 10, marking a significant political shift in Uttar Pradesh. This move reflects rising dissent within BJP allies, especially among backward class leaders who feel ignored. The resignation of Rajkumar Pal and other Apna Dal officials is likely to impact the party’s hold among its core voter base.

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