AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने राज्य में Mpox (पूर्व में मंकीपॉक्स) के प्रसार को रोकने के लिए एक नई एडवाइज़री जारी की है। यह कदम इस वायरस के संभावित प्रसार को नियंत्रित करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस एडवाइज़री के अनुसार, राज्य के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं:
1. संदिग्ध मरीजों की पहचान : अधिकारियों को संदिग्ध Mpox मरीज़ों की पहचान करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह पहचान प्रारंभिक लक्षणों और मरीजों की यात्रा के इतिहास के आधार पर की जाएगी।
2. सैंपल संग्रहण और इलाज: संदिग्ध मरीजों के नमूने (सैंपल) एकत्रित किए जाएंगे। इसके बाद इन सैंपलों को जांच के लिए भेजा जाएगा और मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
3. स्क्रीनिंग के निर्देश : राज्य के सभी ज़िलों के एंट्री पॉइंट्स पर खास स्क्रीनिंग व्यवस्था की जाएगी। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि Mpox के संभावित मामलों का जल्दी पता चल सके और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सलाह दी जा सके।
4. जन जागरूकता : एडवाइज़री में यह भी उल्लेख किया गया है कि नागरिकों को Mpox के लक्षणों, सावधानियों और उपचार के बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि लोग सतर्क रहें और आवश्यक सावधानी बरतें।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई यह एडवाइज़री Mpox के प्रभावी नियंत्रण के लिए एक समन्वित प्रयास को दर्शाती है। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएं और किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
इस प्रकार, इस नई एडवाइज़री के तहत राज्य में Mpox के प्रसार को नियंत्रित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।