AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में गंगाजल प्लांट पर रविवार सुबह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विदाई के वक्त कुछ ऐसा अजीब घटनाक्रम हुआ, जिसे लेकर भाजपा के ही 12 वरिष्ठ नेता अपना अपमान बता रहे हैं। अब इन सभी नेताओं ने गाजियाबाद जिलाधिकारी पर भी उनका अपमान करने का गम्भीर आरोप लगाते हुए उनके कैंप कार्यालय पर अपनें नाराजगी भरे एक पत्र के साथ 700 रुपये भी भिजवाए हैं। हालांकि, डीएम ऑफिस में किसी ने भी इस धनारिश को रिसीव तो नहीं किया। मगर ये सभी भाजपा नेता अब स्पीड पोस्ट से इन 700 रुपये और इस पत्र भेजने की बात भी कह रहे हैं।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर, पूर्व विधायक रूप चौधरी, कृष्णवीर सिरोही, प्रशांत चौधरी, पृथ्वी सिंह, अजय शर्मा, पवन गोयल, विजय गोयल, अनिल स्वामी, डॉ. वीरेश्वर त्यागी, राजेंद्र त्यागी और साथ साथ सरदार एसपी सिंह को भी मुख्यमंत्री के प्रस्थान के समय उपस्थित रहने के पास जारी कर दिए गए थे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री को सुबह साढ़ नौ बजे गौतमबुद्ध नगर के लिए यहां से निकलना था। ये सभी नेता भी समय से ही गेस्ट हाउस पहुंच गए थे। इन सभी नेताओं को एक हॉल में बैठाकर प्रशासनिक अधिकारियों ने नेताओं से कुछ जलपान का आग्रह किया।इस पर इन सभी नेताओं ने सीएम से एक मुलाकात कराने की बात कही। इस दौरान इन इंतजार कर रहे सभी नेताओं को चाय भी पिलाई गई। फिर एक बड़े अधिकारी ने मुख्यमंत्री के प्रस्थान करने की बात कहते हुए इन सभी नेताओं को लाइनअप होने को भी कहा। इस पर कई नेताओं ने अपनी आपत्ति जताई कि उन्हें मुख्यमंत्री से भेंट के लिए बुलाया गया था। प्रदेश के इतने वरिष्ठ नेता लाइन अप होकर के सीएम से नहीं मिलेंगे और ये सभी नेता मुख्य द्वार की ओर बढ़ने लगे। इस बीच मौके पर ही पहुंचकर भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा व जिलाधिकारी ने इन नाराज नेताओं को काफ़ी मनाने का प्रयास भी किया, मगर ये नेता वापस लौटने को राजी ही नहीं हुए।सूत्रों की माने तो, इसी दौरान जिलाधिकारी ने इन सभी नेताओं से कहा कि आप लोगों को यहां पर पूरा ध्यान रखा गया है। आपकों नाश्ता पूछा गया है। चाय भी आपकों पिलाई है। इस पर ये नेता और भी ज्यादा नाराज हो गए और सीएम से मिले बगैर ही ये सब वहां से बाहर निकल गए। इसके बाद एक नेता के घर पर ही यह सभी नाराज भाजपाई भी जमा हुए और उन्होंने जिलाधिकारी को ही अपनी नारजगी का पत्र लिखा। साथ ही इन सभी ने प्रति चाय की कीमत के हिसाब से कुल 700 रुपये नत्थी कर के एक व्यक्ति के हाथ से जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पर भिजवाए भी , मगर वहां पर मौजूद किसी भी स्टाफ ने इन्हे ना लेते हुए इस पत्र व रुपये को भी लौटा दिए। अब ये नेता सोमवार को इस पत्र व रुपये स्पीड पोस्ट करने की बात कह रहे हैं।
इस पूरे मामले में आरके सिंह, जिलाधिकारी, “पास अब जिलाधिकारी कार्यालय के बजाय कमिश्नरेट से ही जारी होते हैं। जहां तक मेरी जानकारी रही है इन नेताओं के केवल सेंड ऑफ पास’ ही जारी हुए थे। लाइनअप वाली बात के समय मैं मौके पर ही मौजूद नहीं था। मैं तो बाद में वहां पहुंचा। और चाय की बात मैंने इनके सम्मान के संदर्भ में कही थी। कुछ भी नकारात्मक बात जताने के लिए नहीं।”