AIN NEWS 1: पत्रकार ईशा भाटिया सानन ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में सेक्स एजुकेशन के मुद्दे पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सेक्स एजुकेशन के दौरान जननांगों से संबंधित चैप्टर (प्रजनन तंत्र) को बहुत जल्दी समाप्त कर दिया जाता है।
सानन के अनुसार, शिक्षकों द्वारा इस चैप्टर को जल्दी निपटाने की वजह से छात्रों को सही तरीके से जानकारी नहीं मिल पाती। इस जल्दबाजी के चलते कई महिलाओं को जननांगों से जुड़ी शब्दावली की जानकारी नहीं होती, जिससे वे अपनी जननांग संबंधी समस्याओं को सही ढंग से समझा और व्यक्त नहीं कर पातीं।
संक्षेप में, सानन का कहना है कि इस तरह की अधूरी और जल्दी समाप्त की गई शिक्षा महिलाओं को समस्याओं के समाधान में बाधा डालती है। यह मुद्दा महत्वपूर्ण है क्योंकि सेक्स एजुकेशन का सही ढंग से शिक्षण और समझ हर व्यक्ति की स्वास्थ्य और भलाई के लिए आवश्यक है।
अगर स्कूलों में जननांगों से संबंधित अध्याय को विस्तार से और सही तरीके से पढ़ाया जाए, तो छात्र बेहतर समझ पाएंगे और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की पहचान और समाधान में सक्षम होंगे। यह बात ध्यान देने योग्य है कि शिक्षा का सही स्तर और गुणवत्ता से छात्रों को बेहतर जानकारी और समझ मिलती है, जिससे वे जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना अधिक प्रभावी ढंग से कर सकते हैं।