Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आज़ाद समाज पार्टी-कांशीराम के अध्यक्ष और सांसद चन्द्रशेखर आज़ाद ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान बड़े करीब से चूक गया था. राजस्थान में हम 12 सीटों पर तीसरे नंबर पर और 3 सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे लेकिन हमारा प्रयास है कि हम हरियाणा में नहीं चूकेंगे.
सांसद चन्द्रशेखर आज़ाद ने आगे कहा, “यहां किसान-कमेरो का गठजोड़ हुआ है, जिसकी नींव काशीराम और ताऊ देवीलाल ने रखी थी. हम नौजवान लोगों ने बीड़ा उठाया है कि हम किसी के भरोसे नहीं रहेंगे, हम अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे.”
#WATCH सिरसा, हरियाणा: आज़ाद समाज पार्टी-कांशीराम के अध्यक्ष और सांसद चन्द्रशेखर आज़ाद ने कहा, "हम राजस्थान में चूक गए थे, राजस्थान में हम 12 सीटों पर तीसरे नंबर पर और 3 सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे लेकिन हमारा प्रयास है कि हम हरियाणा में नहीं चूकेंगे… हम नौजवान लोगों ने बीड़ा… pic.twitter.com/IcF7fYcGBT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2024
‘राजनीति में जिनकी पास ताकत नहीं होती वो कोई काम नहीं कर पाते’
आज़ाद समाज पार्टी कांशीराम के अध्यक्ष आज़ाद ने आगे कहा, “इतिहास गवाह है जब-जब नौजवान खड़ा हुआ है उसने लोगों का भला किया है. भगत सिंह जब खड़े हुए थे तो गोरे भाग गए थे. यहां जो सरकारें हैं, उनको भी सबक सिखाना है और अपने लोगों को मौका देना है. मैं ये मानता हूं कि राजनीति में जिनके पास ताकत नहीं होती वो कोई काम नहीं कर पाते.”
उन्होंने आगे कहा, “हमें राजनीतिक ताकत हासिल करनी, है किसान-कमेरो का भला करना है. बहन-बेटियों के सम्मान की रखवाली करनी है. अपनी फसलों और अपनी नस्लों पर दुश्मन की निगाह नहीं पड़ने देनी इस बात की जिम्मेदारी का हमें अहसास है.”
‘हम हरियाणा के क्षेत्रीय दलों को ताकत देंगे’
सांसद आजाद ने कहा कि पहले हरियाणा-उत्तरप्रदेश तय करता था कि दिल्ली की कुर्सी पर कौन बैठेगा, अब दिल्ली में लोग बैठे है जो जिसको चाहे बना देते हैं जिसको चाहे हटा देते हैं. इससे हरियाणा की हिम्मत कम हुई है हम हरियाणा की हिम्मत को कम नहीं होने देंगे. हम हरियाणा के क्षेत्रीय दलों को ताकत देंगे. जिससे बुनियादी समस्याओं पर लोगों का ध्यान पड़े. दिल्ली को क्या पता खेत में क्या समस्या है. दिल्ली वालों को तो ये भी नहीं पता की आलू पेड़ के ऊपर उगते हैं या नीचे.
उनको चिप्स का पता है कि कंपनी वालों को पैसे सही मिल जाने चाहिए. लेकिन हमें किसानों-कमेरो की परवाह है. न्यूनतम वेतन क्या है उन्हें क्या पता है, घर कैसे चलता है, कौन से पेड़ पर क्या लगता है उन्हें क्या पता. हम किसान लोग है हमें सब पता है इसलिए हमें अपने लोगों की चिंता है.