AIN NEWS 1: यहां हम आपको बता दें CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन ) में जब किसी भी व्यक्ति का दिल अचानक से ही धड़कना बंद कर देता है या वह अपनी सांस लेना अचानक से छोड़ देता है तो हम उस स्थिति को ही कार्डियक अरेस्ट कहते हैं. ऐसे में अगर तुरंत CPR शुरू कर दी तो ऐसा करने से दिल को पुनः चालू करने में काफ़ी मदद मिल सकती है और व्यक्ति की जान भी बचाई जा सकती है. ऐसा सिर्फ कार्डियक अरेस्ट में ही नहीं बल्के पानी में डूबने से, विषाक्त गैस या फिर धुएं के कारण से भी सांस रुक जाने पर भी आप तुरंत CPR शुरू कर दे इससे व्यक्ति की जान आसानी से बचाई जा सकती है. इसलिए सीपीआर देना हर व्यक्ति को आना ही चाहिए. आइए आज हम जानते हैं किस तरह से सीपीआर लोगों का जान को बचा सकता हैं और इसको सीखना आपके लिए क्यों ज्यादा जरूरी है….
यहां हम आपको बता दें सीपीआर सीखना आपके लिए जरूरी क्यों?
यहां हम आपको बता दें CPR सीखना और जानना आपके लिए बेहद जरूरी है क्योंकि इससे किसी की जान आसानी से बचाई जा सकती है. सार्वजनिक स्थलों पर और घरों में भी CPR की जरूरत पड़ने पर आप किसी की भी जान इससे बचा सकते हैं. विदेश में तो यह CPR स्कूल ऐज से ही सिखाया जाता है. लेकिन इंडिया में अभी तक कुछ ऐसा व्यवस्था नहीं है. ऐसे में लोगों को CPR देना आना चाहिए. इस तरह से आप CPR को सीखकर और इसका अच्छे से उपयोग करके कई लोगों की जान को बचा सकते हैं.
किसी भी बेहोश व्यक्ति को तुरंत सीपीआर दें
किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद हो जाता है या सांस लेना बंद कर देता है, तो CPR उसे बचा सकता है….#CPRAwareness4Goahttps://t.co/UHXaM8Veny pic.twitter.com/3vv7EvwMMZ
— Journalist Archana Tiwari (@ArchanaaTiwari) January 5, 2024
यहां आप जान ले CPR देने के लिए सबसे पहले तो यह जांच करें कि वह व्यक्ति सांस ले रहा है या नहीं।.अगर कोई व्यक्ति बिहोश हो गया है और उसका नब्ज भी नहीं चल रहा है तो उसको आप तुरंत अपने हाथ से सीपीआर दें. दोनों हाथों से उसके हृदय पर इतना दबाव डालें और 100-120 बार प्रति मिनट की दर से सीने पर ही पम्प करें. 30 पम्प्स के बाद ही 2 बार मुंह से मुंह में सांस दें.यहां पर जान ले सीपीआर में मुख्य रूप से ही दो काम किए जाते हैं. पहला व्यक्ति की छाती को दबाना और दूसरा उसके मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन भी कहते हैं. इसमें सबसे पहले व्यक्ति के सीने पर बीचोबीच हथेली रखें. फिर पंपिंग करते समय हथेली को एक हाथ को दूसरे हाथ के ऊपर रख कर उस दौरान उंगलियों को अच्छे से बांध लें और हाथ और कोहनी दोनों को ही सीधा रखें. उसके तुरंत बाद छाती को पंपिंग करते हुए छाती को दबाया जाता है. ऐसे करने से धड़कनें फिर से शुरू हो जाती हैं. हथेली से छाती को 1 -2 इंच तक ही दबाएं ऐसा एक मिनट में ही सौ बार करें.
( Disclaimer: इस पूरे आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर किसी भी प्रकार से अमल करने से पहले एक बार डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह आप जरूर लें.)