AIN NEWS 1: भारतीय सेना, जिसे देश की रक्षा का सबसे बड़ा स्तंभ माना जाता है, में नारी शक्ति का योगदान लगातार बढ़ रहा है। महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी जगह बनाई है, और सेना भी इससे अछूती नहीं है। सेना में महिलाओं की भागीदारी न केवल सशस्त्र बलों को मजबूत कर रही है, बल्कि देश की रक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शा रही है।
सेना में महिलाओं की भर्ती का इतिहास
भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 को ईस्ट इंडिया कंपनी के तहत प्रेसिडेंसी आर्मी के रूप में हुई थी। आजादी के बाद इसे भारतीय सेना के नाम से जाना गया। महिलाओं को सेना में शामिल करने का ऐतिहासिक फैसला 1992 में लिया गया, जब उन्हें तीनों सेनाओं में शॉर्ट-सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों के रूप में शामिल किया गया।
सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका का विस्तार
1992 के बाद महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ती रही।
1. वायुसेना में लड़ाकू पायलट: 2015 में भारतीय वायुसेना ने महिलाओं को लड़ाकू इकाइयों में शामिल करने का निर्णय लिया। यह एक क्रांतिकारी कदम था, जिसने वायुसेना में महिलाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले।
2. मिलिट्री पुलिस में भर्ती: 2019 में, आर्मी की मिलिट्री पुलिस कोर में महिलाओं की अदर रैंक के तहत भर्ती की शुरुआत हुई।
3. परमानेंट कमीशन: नवंबर 2021 में महिला अधिकारियों को परमानेंट कमीशन देने के लिए एक न्यूट्रल करियर प्रोग्रेशन पॉलिसी लागू की गई। इसके तहत महिलाओं को पुरुष अधिकारियों के बराबर अवसर दिए गए।
4. युद्धपोतों पर तैनाती: 2021 में इंडियन नेवी ने चार महिला अधिकारियों को युद्धपोतों पर तैनात किया। यह महिलाओं को नई भूमिकाएं देने की दिशा में एक बड़ा कदम था।
एनडीए के जरिए महिलाओं की भर्ती
नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में भी महिलाओं की भर्ती की शुरुआत की गई। जुलाई 2022 में एनडीए में महिला कैडेट के पहले बैच ने ट्रेनिंग शुरू की। जनवरी 2023 में दूसरा बैच आया। अब हर छह महीने में 19 महिला कैडेट्स की भर्ती की जा रही है।
महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाएं
सेना में महिलाओं को पुरुष जवानों के बराबर सभी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसके साथ ही, उन्हें मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) और चाइल्ड केयर लीव जैसी विशेष सुविधाएं भी मिलती हैं।
भारतीय सेना में महिलाओं की वर्तमान संख्या
मार्च 2023 में तत्कालीन रक्षा राज्य मंत्री टीआर बालू ने लोकसभा में बताया कि भारतीय सेना में कुल 7093 महिलाएं कार्यरत हैं। इनमें से 100 महिलाएं अदर रैंक कैटेगरी में तैनात हैं। इसके अलावा, 6993 महिलाएं आर्मी मेडिकल कोर, आर्मी डेंटल कोर और आर्मी मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में ऑफिसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
नारी शक्ति का भविष्य
भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी यह साबित करती है कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। आने वाले समय में सेना में महिलाओं की संख्या और उनकी भूमिकाओं में और विस्तार होगा।
English SEO Paragraph:
The growing participation of women in the Indian Armed Forces highlights their significant contribution to national defense. Women officers and soldiers now serve in various critical roles across the Army, Navy, and Air Force. Since their induction in 1992 as Short Service Commission (SSC) officers, women have achieved remarkable milestones, including becoming fighter pilots in 2015 and gaining permanent commission in 2021. With over 7,000 women currently serving, the Indian Armed Forces continue to empower women through equal opportunities and progressive policies.