Powered by : PIDIT KO NYAY ( RNI - UPBIL/25/A1914)

spot_imgspot_img

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का नया संकल्प : हर माह निःशुल्क श्रीमद्भागवद कथा और श्रीराम कथा!

spot_img

Date:

AIN NEWS 1: भारत की साधु-संत परंपरा हमेशा से समाज को दिशा देती रही है। समय-समय पर संत केवल भक्ति ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलनों का भी नेतृत्व करते रहे हैं। इन्हीं संतों की परंपरा से जुड़े हैं महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी, जो श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े से संबद्ध हैं।

हाल ही में उन्होंने अपने जीवन का एक नया संकल्प घोषित किया है—अब वे हर माह निःशुल्क श्रीमद्भागवद कथा या श्रीराम कथा का आयोजन करेंगे।

यह निर्णय केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत आत्ममंथन और जीवन की दिशा में बदलाव का प्रतीक भी है।

यति नरसिंहानंद गिरी का जीवन परिचय

यति नरसिंहानंद गिरी मूल रूप से उत्तर प्रदेश से संबंध रखते हैं। बचपन से ही वे तेजस्वी और जिज्ञासु स्वभाव के थे। पढ़ाई के दौरान ही उनका रुझान धार्मिक विषयों की ओर बढ़ा और उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों, धर्मांतरण और कट्टरपंथी गतिविधियों पर अपनी आवाज बुलंद करनी शुरू की।

बाद में वे शिवशक्ति धाम डासना मंदिर, गाजियाबाद से जुड़े और वहाँ से धार्मिक व सामाजिक कार्य करने लगे। धीरे-धीरे उनकी पहचान केवल एक संत के रूप में नहीं, बल्कि एक निर्भीक वक्ता और हिंदू समाज की आवाज के रूप में भी बनने लगी।

संघर्ष और विवाद

नरसिंहानंद गिरी जी का जीवन संघर्षों से भरा रहा। उन्होंने कई बार इस्लामी कट्टरवाद और जिहाद पर खुलकर बयान दिए। इसी कारण वे अक्सर विवादों में भी रहे और उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए।

उनकी बेबाकी और निडरता के कारण समर्थक उन्हें धर्मरक्षक संत कहते हैं, जबकि विरोधियों ने उन्हें अक्सर निशाना बनाया।

कई मौकों पर उन्हें अपनी जान का भी खतरा झेलना पड़ा। बावजूद इसके, वे लंबे समय तक हिंदू समाज की समस्याओं को उजागर करते रहे और हिंदू युवाओं को जागरूक करने का प्रयास करते रहे।

पराजय की स्वीकृति

अब उम्र बढ़ने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण यति नरसिंहानंद गिरी जी ने यह स्वीकार किया कि वे इस्लामिक जिहाद जैसी चुनौती को पूरी तरह रोक पाने में सफल नहीं रहे।

उनका कहना है कि उन्होंने अपनी पूरी शक्ति और सामर्थ्य लगा दी, लेकिन समय और परिस्थितियों के चलते अपेक्षित परिणाम नहीं आ सके।

यह स्वीकृति केवल एक व्यक्तिगत घोषणा नहीं, बल्कि यह दर्शाती है कि सच्चा साधु अपनी कमजोरियों को भी ईमानदारी से स्वीकार करता है।

नया संकल्प : कथा और भक्ति

अब गिरी जी ने अपने जीवन की शेष ऊर्जा को भगवद प्रचार और कथा वाचन में लगाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने यह घोषणा की है कि:

हर माह एक बार वे श्रीमद्भागवद कथा या श्रीराम कथा करेंगे।

यह आयोजन निःशुल्क होगा।

कथा केवल भक्तों के घर, आंगन या मंदिर के कक्ष में होगी, ताकि अनावश्यक खर्चे से बचा जा सके।

उनका उद्देश्य केवल भगवान का संदेश फैलाना और लोगों के दिलों तक भक्ति पहुँचाना है।

भक्तों से निवेदन

उन्होंने पूरे भारत के भक्तों से निवेदन किया है कि यदि कोई उनकी यात्रा का खर्च, सुरक्षा और रहने की व्यवस्था कर सके, तो वे वहाँ कथा करने अवश्य जाएंगे।

इससे न केवल धर्म का प्रचार होगा, बल्कि भक्तों को सीधे एक महामंडलेश्वर से भगवद कथा सुनने का अवसर मिलेगा।

भक्तों की प्रतिक्रिया

गिरी जी के इस निर्णय पर भक्तों की भावनाएँ मिली-जुली हैं।

कुछ भक्त मानते हैं कि यह उनकी पराजय नहीं, बल्कि जीवन की सबसे बड़ी विजय है क्योंकि अब वे सीधे भगवान और धर्म की सेवा में लगना चाहते हैं।

दूसरी ओर, कुछ लोग मानते हैं कि उनकी संघर्षशील आवाज़ का शांत हो जाना समाज के लिए एक बड़ी कमी होगी।

फिर भी अधिकांश लोग उनके इस कदम को आध्यात्मिक रूप से सार्थक और प्रेरणादायी मानते हैं।

धर्म का सच्चा संदेश

हिंदू धर्म हमेशा से यह सिखाता है कि सादगी और भक्ति ही सच्ची साधना है।

नरसिंहानंद गिरी जी का निर्णय इस संदेश को और मजबूती देता है कि धर्म का प्रचार पंडालों और भव्य आयोजनों से नहीं, बल्कि भक्तों के दिलों और घरों से होता है।

आने वाला समय

अब देखने वाली बात यह होगी कि गिरी जी का यह अभियान भारत में किस तरह फैलता है।

यदि भक्तगण सहयोग करेंगे, तो देशभर में छोटे-छोटे आयोजनों के माध्यम से भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की कथाएँ लोगों तक पहुँचेंगी।

इससे नई पीढ़ी भी धर्म से जुड़ेगी और समाज में आध्यात्मिक जागृति आएगी।

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का यह नया संकल्प उनके जीवन का एक नया अध्याय है।

जहाँ पहले वे संघर्ष और विवादों के लिए जाने जाते थे, वहीं अब वे अपनी शेष ऊर्जा को भक्ति, कथा और धर्म प्रचार में लगाना चाहते हैं।

उनका यह निर्णय इस बात का प्रमाण है कि अंततः भक्ति ही सर्वोच्च साधना है।

Mahant Yati Narsinghanand Giri, a senior spiritual leader of the Juna Akhara, has announced a new life resolution. Known for his bold voice against radical ideologies, he now wishes to dedicate his remaining years to Sanatan Dharma by conducting free Bhagavad Katha and Ram Katha across India. These sessions will be held simply, without grand pandals, either in devotees’ homes or temple halls. His journey from confrontation to spiritual devotion and simplicity reflects the true message of Hindu saints, spreading the wisdom of the Bhagavad Gita and Lord Ram to the masses.

spot_img
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img

Share post:

New Delhi
haze
19.1 ° C
19.1 °
19.1 °
45 %
2.1kmh
49 %
Tue
22 °
Wed
23 °
Thu
23 °
Fri
23 °
Sat
22 °
Video thumbnail
कड़ाके की सर्दी में अचानक ऐसा क्या हुआ Ravi Kishan को लगने लगी गर्मी, फिर CM Yogi ने मौज ली !
07:56
Video thumbnail
बात हिन्दुओं की आई... Amit Shah के सामने Mithun Chakraborty ने दिया बहुत तगड़ा भाषण! Viral
10:03
Video thumbnail
Ajit Doval का दमदार सनातनी भाषण, Babur-राणा सांगा पर जो बोला उसे सुनकर चौंक जायेगा पूरा देश! Doval
09:14
Video thumbnail
मंच से खड़े होकर बांग्लादेश पर Yogi का सबसे तगड़ा भाषण, कहा- 'गलतफहमी में मत रहना'...| Viral |
11:56
Video thumbnail
बच्चों के बीच बच्चे बने Modi तो नाक सिकोड़कर इस इस बच्ची ने दिया मजेदार बयान! Modi | Viral
08:34
Video thumbnail
सदन में बांग्लादेशी मुसलमानों पर गुस्से से टूट पड़े Amit Shah, 57 मुस्लिम देश में हैरान रह जायेंगे!
08:50
Video thumbnail
सिर्फ 10 सेकेंड में औरंगज़ेब प्रेमियों को सिखों के सामने CM योगी ने लगा दिया 'करंट'! Yogi Speech
09:16
Video thumbnail
Kumar Vishwas Viral Speech: मंच पर ठहाके मारकर हंसे CM Yogi और Rajnath Singh, VIDEO वायरल
15:39
Video thumbnail
#cmyogi पर कुमार विश्वास का मजेदार अंदाज वायरल #kumarvishwas #ytshorts #shorts
00:57
Video thumbnail
अटल जी की शादी के ऑफर पर Rajnath Singh का चौंकाने वाला भाषण सुनकर Modi-Yogi भी हैरान ! Pakistan
09:19

Subscribe

spot_img
spot_imgspot_img

Popular

spot_img

More like this
Related

हिंदुओं के बाद अब बौद्ध भी निशाने पर? बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर मंडराता खतरा!

AIN NEWS 1: मुस्लिम-बहुल बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की...