Yati Narsinghanand Giri Calls for Hindus to Take Up Arms for Dharma Protection in Meerut
हिंदुओं को अब धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाने की जरूरत: यति नरसिंहानंद गिरी
AIN NEWS 1 मेरठ: शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी मंगलवार को मेरठ पहुंचे। उनका यह दौरा अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही की जमानत के बाद हुआ। यति जी ने सिरोही के साथ हुए घटनाक्रम पर खुलकर नाराज़गी जताई और कहा कि अब हिंदुओं को धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाने का समय आ गया है।
पृष्ठभूमि: मस्जिद के विरोध में जेल गए सचिन सिरोही
कुछ दिन पहले मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन के पास बनी एक मस्जिद को अवैध बताकर, सचिन सिरोही और उनके सहयोगी संजय सभरवाल ने उस स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। उनका यह विरोध पूरी तरह अहिंसात्मक था। लेकिन इसके बावजूद, प्रशासन ने सचिन सिरोही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस गिरफ्तारी को लेकर कई हिंदू संगठनों में आक्रोश था। यति नरसिंहानंद गिरी ने इस कार्रवाई को “असंवैधानिक” और “हिंदू विरोधी” करार दिया।
सचिन सिरोही से मुलाकात, पुलिस पर साधा निशाना
जेल से छूटने के बाद यति नरसिंहानंद गिरी सीधे मेरठ के मानसरोवर स्थित सिरोही के घर पहुंचे। उन्होंने कहा:
“मैंने पहली बार देखा है कि कोई व्यक्ति सिर्फ अवैध मस्जिद के अहिंसात्मक विरोध और नेता का पुतला फूंकने पर जेल भेज दिया गया हो।”
यति नरसिंहानंद ने कहा कि योगी सरकार में कुछ पुलिस अधिकारी हिंदू कार्यकर्ताओं का अपमान कर रहे हैं। अगर यही स्थिति रही, तो जल्द ही योगी समर्थकों का यूपी से पलायन शुरू हो जाएगा।
हिंदुओं को हथियार उठाने की सलाह
अपने भाषण में यति नरसिंहानंद ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदू समाज को अपने धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाने चाहिए। उन्होंने दावा किया कि सरकार का रवैया हिन्दू विरोधी होता जा रहा है, और ऐसे में चुप रहना हिंदू धर्म के लिए खतरे की घंटी है।
योगी सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग
यति नरसिंहानंद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि सचिन सिरोही की गिरफ्तारी की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है।
घटना स्थल पर मौजूद अन्य प्रमुख लोग
इस दौरान यति नरसिंहानंद के साथ कई अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
यति अभयानंद गिरी
पंडित बालकिशन राय
दिवेश वर्मा
रिंकल चाहन सिंह
डॉ. योगेंद्र योगी
इन सभी ने सचिन सिरोही के समर्थन में आवाज़ बुलंद की और इस गिरफ्तारी को हिंदू हितों के खिलाफ बताया।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल
यति नरसिंहानंद के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। कुछ इसे कानून व्यवस्था पर हमला बता रहे हैं, तो कुछ इसे हिंदू समाज की पीड़ा की अभिव्यक्ति कह रहे हैं।
सारांश: क्या यह चेतावनी है?
यति नरसिंहानंद गिरी के शब्द केवल एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि चेतावनी की तरह सामने आए हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यदि हिंदुओं के साथ अन्याय होता रहा, तो समाज में आक्रोश और असंतोष बढ़ेगा। वहीं, सरकार और प्रशासन से उन्होंने जिम्मेदारी से काम लेने की अपील की है।
सचिन सिरोही की गिरफ्तारी के बहाने यति नरसिंहानंद गिरी ने हिंदू समाज के प्रति प्रशासन के व्यवहार पर बड़ा सवाल उठाया है। उनके हथियार उठाने वाले बयान से सांप्रदायिक तनाव और राजनीतिक विवाद गहराने की संभावना है। आने वाले समय में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, खासकर जब चुनावी माहौल तेज हो।
Yati Narsinghanand Giri, chief of Shivshakti Dham Dasna and Mahamandaleshwar of Juna Akhada, visited Sachin Sirohi’s residence in Meerut after his release from jail. Condemning the UP police’s action, he demanded a high-level investigation into Sirohi’s arrest for peacefully protesting an illegal mosque by chanting the Hanuman Chalisa. He warned that Hindus must now consider taking up arms for the protection of their religion. This statement has stirred fresh political debate around Hindu rights and law enforcement bias in Uttar Pradesh.