AIN NEWS 1: रामपुर के वरिष्ठ समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद, उन्होंने पहली बार दिवाली के मौके पर मीडिया से बातचीत की और एक ऐसा बयान दे दिया, जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी है।
आजम खान ने कहा, “जो लोग दीये जलाते हैं, वो कुछ भी जला सकते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “दीये जलाए नहीं जाते, रोशन किए जाते हैं।” उनके इस बयान को लेकर अब कई राजनीतिक दल प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
आजम खान का बयान: ‘दीये जलाना नहीं, रोशन करना जरूरी’
अपने बयान में आजम खान ने कहा कि दीपावली के त्योहार का असली अर्थ सिर्फ दीये जलाना नहीं, बल्कि उजाला फैलाना और नफरत के अंधेरे को मिटाना है। उन्होंने कहा कि जो लोग दीये रोशन करते हैं, उनका उद्देश्य समाज में शांति, प्रेम और एकता फैलाना होता है।
आजम ने आगे कहा,
“जो लोग दीये जलाते हैं, वे कुछ भी जला सकते हैं। लेकिन जो दीये रोशन करते हैं, उनका मकसद उजाला करना, ठंडक देना और नफरतों के अंधेरे को मिटाना होता है। मैं उन्हीं लोगों का सम्मान करता हूं और उनसे मोहब्बत करता हूं।”
उनके इस बयान को कई लोगों ने सांप्रदायिक संकेतों से जोड़ते हुए विवादित बताया है। वहीं, आजम खान के समर्थक कह रहे हैं कि उन्होंने समाज में मोहब्बत और एकता का संदेश दिया है।
रिहाई के बाद पहली सार्वजनिक टिप्पणी
सीतापुर जेल से लंबे समय बाद बाहर आए आजम खान ने यह बयान रामपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान दिया।
रिहाई के बाद से आजम लगातार सपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं और पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय दिख रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान उनके पुराने तेवरों की झलक दिखाता है, जो हमेशा खुलकर अपनी बात कहते रहे हैं — चाहे बात विवादों तक क्यों न पहुंच जाए।
विपक्ष का पलटवार
आजम खान के बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि आजम खान त्योहारों पर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ताओं का कहना है कि दीया हिंदू संस्कृति का प्रतीक है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का संदेश देता है। ऐसे में इस तरह का बयान देना सामाजिक सौहार्द के खिलाफ है।
कई बीजेपी समर्थकों ने सोशल मीडिया पर आजम खान के बयान की आलोचना करते हुए लिखा —
“जो जेल से छूटे हैं, वही आज समाज को जलाने की बात कर रहे हैं।”
समाजवादी पार्टी ने दी सफाई
वहीं, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि आजम खान के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।
उनके मुताबिक, आजम खान ने किसी धर्म या समुदाय को निशाना नहीं बनाया, बल्कि प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया है।
एक सपा नेता ने कहा,
“आजम खान ने हमेशा नफरत के खिलाफ और इंसानियत के पक्ष में बात की है। मीडिया उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखा रही है।”
सोशल मीडिया पर चर्चा
आजम खान का बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
ट्विटर (अब X) पर #AzamKhan, #Diwali2025 और #SamajwadiParty ट्रेंड कर रहे हैं।
कुछ यूज़र्स उनके बयान का मज़ाक उड़ा रहे हैं, तो कुछ लोग उन्हें “मिसअंडरस्टूड लीडर” बता रहे हैं।
एक यूज़र ने लिखा —
“दीया जलाना पाप नहीं, प्रतीक है उजाले का। लेकिन आजम खान फिर विवाद का दीया जलाकर बैठ गए।”
आजम खान और विवादों का पुराना रिश्ता
आजम खान का नाम भारतीय राजनीति के उन नेताओं में शुमार है जो अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं।
चाहे वह चुनावी मंच हो या मीडिया से बातचीत — वे खुलकर बोलते हैं और कई बार उनके शब्द राजनीतिक विवाद का कारण बन जाते हैं।
सीतापुर जेल में उनकी लंबी हिरासत के दौरान भी कई बार उन्होंने राजनीतिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
अब जब वह बाहर आए हैं, तो ऐसा लगता है कि वह फिर से राजनीतिक बयानबाज़ी के केंद्र में हैं।
आजम खान का दिवाली पर दिया गया बयान यह दिखाता है कि वे अब भी अपने विचारों को लेकर साफ और मुखर हैं।
जहां एक तरफ कुछ लोग इसे धार्मिक भावना पर प्रहार मान रहे हैं, वहीं उनके समर्थक इसे सकारात्मक संदेश बता रहे हैं।
राजनीतिक माहौल पहले से ही संवेदनशील है, ऐसे में आने वाले दिनों में यह बयान राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बन सकता है।
Samajwadi Party leader Azam Khan has once again landed in controversy with his Diwali 2025 statement, saying “Those who light diyas can burn anything.” The remark has sparked a major political debate in Uttar Pradesh, with BJP criticizing it as an insult to Hindu traditions while SP defends it as a message of love and peace. The Azam Khan Diwali controversy has gone viral on social media, drawing sharp reactions across political lines.



















