AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव संगठन को मजबूत करने के लिए 20 से अधिक जिलाध्यक्षों को बदलने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, निष्क्रिय पदाधिकारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। आगामी पंचायत चुनाव (2026) और विधानसभा चुनाव (2027) को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया जा रहा है, जिससे पार्टी को बूथ स्तर पर मज़बूत किया जा सके।
संगठन में बदलाव की रणनीति
समाजवादी पार्टी अपने संगठन को पुनर्गठित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। पार्टी नेतृत्व ने जिलाध्यक्षों के कार्यों की समीक्षा शुरू कर दी है, जिसमें उनकी सक्रियता और प्रदर्शन को परखा जा रहा है। जो नेता संगठन के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, उन्हें जल्द ही पद से हटाया जा सकता है।
पीडीए फॉर्मूले पर फोकस
समाजवादी पार्टी इस बदलाव में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर काम कर रही है। पार्टी चाहती है कि संगठन में ऐसे नेताओं को शामिल किया जाए, जो समाज के इन वर्गों का प्रभावी प्रतिनिधित्व कर सकें। इससे पार्टी को आगामी चुनावों में बढ़त मिल सकती है।
बीजेपी भी कर रही है संगठनात्मक बदलाव
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी अपने संगठन को मजबूत करने में लगी हुई है। हाल ही में बीजेपी ने राज्य में 70 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की थी। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं। वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के अलावा हरीश द्विवेदी भी इस दौड़ में शामिल हैं।
अखिलेश यादव की रणनीति
अखिलेश यादव 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को पूरी तरह से दुरुस्त करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि पार्टी बूथ स्तर पर मजबूत हो और कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम हो। इसके लिए जिलाध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों के प्रदर्शन की कड़ी समीक्षा की जा रही है।
आगे की राह
आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर सकती है। जिन पदाधिकारियों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, उन्हें हटाकर नए, ऊर्जावान और जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं को जगह दी जाएगी। इस बदलाव से समाजवादी पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पकड़ और मज़बूत करने की तैयारी कर रही है।
Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav is making major organizational changes in UP by replacing 20 district presidents and removing inactive leaders. The party is focusing on the PDA (Backward, Dalit, Minority) strategy to strengthen its position for the UP Assembly Elections 2027. With BJP also reshuffling its organization, SP is keen on building a strong political structure at the grassroots level. The upcoming changes will play a crucial role in the UP political landscape, shaping the electoral battle against BJP in Uttar Pradesh.