Wednesday, January 8, 2025

जानिए सनातन संस्कृति में क्यों महत्वपूर्ण है तुलसी पूजन, जाने इसका महत्व और पूजा विधि!

हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए हिंदू धर्म के लोग तुलसी को अपनी माता का रूप मानकर उसकी पूरे विधि-विधान से...

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AIN NEWS 1: बता दें हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए हिंदू धर्म के लोग तुलसी को अपनी माता का रूप मानकर उसकी पूरे विधि-विधान से पुराने समय से पूजा करते आए हैं। इस बार शनिवार, 25 दिसंबर को ही तुलसी पूजन दिवस मनाया जा रहा है। इसकी ऐसी मान्यता है कि जहां तुलसी फलती है, उस घर में रहने वालों को कोई भी संकट नहीं आते। स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में तुलसी के अनेक गुणों के बारे में काफ़ी बार बताया गया हैं। यह बात कम लोग ही जानते हैं कि तुलसी परिवार में आने वाले संकट के बारे में सुखकर पहले ही संकेत दे देती हैं। शास्त्रों में यह बात भली प्रकार से उल्लेख है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी माता चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास अन्यास ही होने लगता है।

जान ले तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं है बल्कि धरा के लिए एक वरदान है। जिसके कारण इसे हिंदू धर्म में काफ़ी पूजनीय और औषधि तुल्य माना जाता है। तुलसी पूजन करने से न केवल आपको चमत्कारिक लाभ मिलेगा बल्कि साथ ही लोगों को तुलसी से होने वाले सभी लाभ का ज्ञान भी प्राप्त होता है।

जाने तुलसी पूजन दिवस

तुलसी पूजन दिवस, हर साल 25 दिसंबर को ही यह दिवस मनाया जाता है, तुलसी केवल एक पौधा नहीं बल्कि धरा के लिए एक वरदान है और इसी वजह से हिंदू धर्म में इसे काफ़ी पूज्यनीय माना गया है। आयुर्वेद में तुलसी को अमृत तक कहा गया है क्योंकि ये एक प्रकार की औषधि भी है और इसका नियमित उपयोग आपको काफ़ी उत्साहित, खुश और शांत रखता है। भगवान विष्णु की कोई भी पूजा बिना तुलसी के पूर्ण नहीं मानी जाती।

जाने तुलसी से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं

कहते हैं कि भगवान श्री राम ने गोमती तट पर और वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण ने ही तुलसी लगायी थी। अशोक वाटिका में सीता जी ने रामजी की प्राप्ति के लिए तुलसी जी का मानस पूजन और ध्यान किया था। हिमालय पर्वत पर पार्वती जी ने शंकर जी की प्राप्ति के लिए तुलसी का पौधा ही लगाया था।

एक मान्यता यह भी है कि लंकापति नरेश रावण के भाई विभीषण ने भी रोजाना तुलसी की ही पूजा की थी। यही कारण था कि उनके महल में भी तुलसी का पौधा था। जब लंका दहन के समय हनुमान जी ने ये पौधा विभीषण के महल में देखा तो उन्होंने भी सिर्फ इस एक जगह को छोड़कर ही पूरी लंका में आग लगा दी थी।

जाने तुलसी पूजा विधि 

1.सुबह स्नान आदि से निवृत होकर तुलसी में लोटे से जल चढ़ाएं।

2.जल चढ़ने से पूर्व अक्षत, चंदन, रोली और अगर रोली न हो तो हल्दी को तुलसी के पौधे पर अर्पित करें।

3.आप अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए।

4.इसके बाद तुलसी के पत्ते डालकर प्रसाद को वितरित करें।

5.दिन ढलने के दौरान तुलसी के पौधे के पास आप घी का दीपक जलाएं।

6. ऐसा करने से घर में कलह-कलेश का वातावरण नहीं बनता और सुख समृद्धि आती है।

जाने तुलसी पूजा से मिलते हैं अनेक लाभ

हिंदू धर्म में तुलसी अत्यंत ही पवित्र पौधों में से एक हैं। इसनकी प्रतिदिन पूजा करना अनिवार्य है, तुलसी पूजन करने और रोज तुलसी के दर्शन करने से समस्त पापो का नष्ट हो जाना स्वाभाविक हैं। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा हो वहां त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी विराजते हैं। घर में होने वाली हर पूजा में तुलसी का पत्ता जरूर शामिल करना चाहिए अन्यथा इससे देवताओं का आशीर्वाद आपको नहीं मिलता।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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