AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में अब 10 साल की सजा कोर्ट द्वारा सुनाई गई है। इसके साथ ही मुख्तार पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी कोर्ट द्वारा लगाया गया है। बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को भी इस मामले में अब दोषी करार दिया गया है। बता दें कि गाजीपुर के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम / एमपी एमएलए कोर्ट में दुर्गेश कुमार की कोर्ट में इस मामले की जिरह एक अप्रैल को ही पूरी हो गई थी। इस फैसले के मद्देनजर आज सुबह से गाजीपुर कोर्ट में काफ़ी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस मामले में सांसद अफजाल अंसारी को यदि दो साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी संसद सदस्यता भी पूरी तरह से जा सकती है।बता दें कि मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मुहम्दाबाद थानों में दर्ज आपराधिक मुकदमों के आधार पर बनाए गए गैंग चार्ट पर ही आधारित हैं। गैंगचार्ट में अफजाल पर जहां कृष्णानंद राय हत्याकांड का मामला है वहीं मुख्तार के खिलाफ इसके अलावा रुंगटा अपहरण और हत्याकांड का भी एक मामला है।शनिवार को सजा सुनने के लिए बसपा सांसद अफजाल अंसारी कोर्ट के कठघरे में ही मौजूद रहे। वहीं मुख्तार की बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस मामले में पेशी हुई। यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर एक केस दर्ज हुआ था। मुहम्दाबाद पुलिस ने 22 नवम्बर 2007 को भांवरकोल और वाराणसी के मामले को भी इस गैंग चार्ट में सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को ही शामिल करते हुए गिराह बंद अधिनियम के अंतर्गत एक मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में सांसद अफजाल अंसारी अभी भी जमानत पर हैं।

जाने गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार

अफजाल के बहनोई एजाजुल हक को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था। अभी उनका निधन हो चुका है। 23 सितंबर 2022 को सांसद अफजाल अंसारी और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ न्यायालय में प्रथम दृष्टया ही आरोप तय किया गया था। अभियोजन की तरफ से गवाही के बाद इस मामले में बहस पूरी हो गई है। एक अप्रैल को इस मामले में भी सुनवाई पूरी हो गई थी। पहले तो इस मामले में 15 अप्रैल को फैसला आना था लेकिन बाद में इस तारीख को बढ़ाकर 22 अप्रैल कर दिया गया था।

जाने 500 राउंड फायरिंग कर हुई थी कृष्णानंद राय की निर्मम हत्या

जाने वर्ष 2005 में 29 नवम्बर को गाजीपुर में तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की एक साथ ही निर्मम हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि यह एक अत्यंत दुस्साहिक घटना थी जिसमें करीब 500 राउंड तक फायरिंग हुई थी। कृष्णानंद की हत्या उस समय की गई थी जब वह भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित एक क्रिकेट प्रतियोगिता में वहा के आयोजकों द्वारा बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे। इस मैच का उद्घाटन कर लौटते वक्त बसनिया चट्टी के पास मे घात लगाए हमलावरों ने उनके काफिले पर एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग कर विधायक सहित सात लोगों को मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया। कृष्णानंद ने 2002 में मुख्तार-अफजाल के प्रभाव वाली मुहम्दाबाद विधानसभा सीट पर जीत भी हासिल की थी। इन कृष्णानंद राय की निर्मम हत्या के पीछे चुनावी रंजिश ही बताई गई थी। कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार और अफजाल आरोपी थे।

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