AIN NEWS 1: बिहार सरकार अब सड़क सुरक्षा को लेकर पहले से कहीं ज्यादा सख्त हो गई है। खासकर सर्दियों में बढ़ने वाले कोहरे और उससे होने वाले हादसों को देखते हुए परिवहन विभाग ने नई सख्त नीति लागू की है। सड़क किनारे लंबे समय तक खड़ी रहने वाली गाड़ियां बिहार में लगातार दुर्घटनाओं की वजह बन रही थीं। कई बार रात के घने कोहरे में ट्रक, कार या पिकअप जैसी खड़ी हुई वाहनों से टक्कर की घटनाएँ सामने आईं, जिनमें जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ।
इन्हीं जोखिमों को खत्म करने के लिए परिवहन विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि अब किसी भी वाहन को सड़क किनारे दो दिन से ज्यादा खड़ा पाया गया तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई केवल जुर्माने तक सीमित नहीं होगी, बल्कि गाड़ी जब्त करने, चालान काटने और चालक का लाइसेंस निलंबित करने तक भी जा सकती है।
सड़क किनारे गाड़ियां बन रहीं हादसों की वजह
बिहार में सर्दियों के दौरान कोहरे की स्थिति और खराब हो जाती है। दृश्यता कम होने के कारण चलती गाड़ियां अचानक सड़क पर खड़ी ट्रक या कार से टकरा जाती हैं। कई बार यह वाहन बिना किसी चेतावनी संकेत या रिफ्लेक्टर के सड़क के एक हिस्से को घेरकर खड़े रहते हैं।
ऐसे मामलों में दुर्घटना होने पर चालक को समझने का मौका तक नहीं मिलता, और गंभीर हादसे होना तय होता है। पिछले कुछ वर्षों में हुई कई बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की जांच में एक बात आम सामने आई—सड़क किनारे गलत तरीके से खड़ी गाड़ियां।
अब होगी तुरंत कार्रवाई
परिवहन विभाग ने इस खतरे को खत्म करने के लिए बिहार के सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि:
किसी भी गाड़ी को 48 घंटे से अधिक सड़क किनारे खड़ा पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
वाहन मालिक पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
हालात गंभीर होने पर वाहन जब्त किया जा सकता है।
बार-बार नियम तोड़ने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित किया जाएगा।
जिला स्तर पर टीमों को निरीक्षण के लिए विशेष रूप से तैनात किया जाएगा।
यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि केवल चेतावनी देना अब काफी नहीं माना जा रहा। सड़क सुरक्षा से जुड़ी लापरवाही में अब कोई ढील नहीं दी जाएगी।
पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त कार्रवाई
नए नियम के तहत पुलिस विभाग और परिवहन विभाग मिलकर अभियान चलाएंगे। सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा और तुरंत कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
रात के समय हाईवे पर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी ताकि खड़ी गाड़ियों की पहचान जल्दी हो सके। यह कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हाईवे पर चलने वाली गाड़ियां तेज रफ्तार में होती हैं और सामने अचानक खड़े वाहन से टक्कर होने की आशंका ज्यादा रहती है।
कोहरा बढ़ने के साथ बढ़ रहा खतरा
हर साल दिसंबर और जनवरी में बिहार के कई जिलों में घना कोहरा पड़ता है। इस समय सड़कें अधिक खतरनाक हो जाती हैं।
ऐसे में सड़क किनारे खड़ी गाड़ियां ब्लाइंड-स्पॉट बन जाती हैं।
यही वजह है कि सरकार अब पहले ही सतर्क होकर पूरे सिस्टम को सक्रिय कर रही है।
सरकार का संदेश: “जागरूक बनें, नियमों का पालन करें”
सरकार का मानना है कि कानून कितना भी सख्त हो, असली फर्क तभी आएगा जब लोग खुद भी सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लें।
परिवहन विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि:
गाड़ियां बिना वजह सड़क किनारे न छोड़ें
वाहन खराब हो जाए तो उसे साइड में लगाकर रिफ्लेक्टर ज़रूर लगाएं
सड़क पर खड़ी गाड़ी को जल्द से जल्द हटाने की जिम्मेदारी लें
कोहरे के मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतें
सरकार की यह कोशिश केवल दंडात्मक नहीं है, बल्कि सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने का अभियान भी है।
क्यों ज़रूरी है यह नियम?
अगर सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो:
हादसों में कमी नहीं आ पाएगी
हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ेगी
रात में और कोहरे में दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी
बिहार सरकार के मुताबिक, नए नियम का मुख्य उद्देश्य है—“कम हादसे, सुरक्षित सड़कें।”
लोगों में बढ़ेगी जिम्मेदारी
नई व्यवस्था से गाड़ी मालिकों में जिम्मेदारी की भावना भी बढ़ेगी। पहले कई लोग अपनी गाड़ी सड़क किनारे छोड़कर दिनों तक बेपरवाह रहते थे। यह प्रवृत्ति अब खत्म होगी। नियम तोड़ने पर अब भारी आर्थिक और कानूनी कार्रवाई का डर भी रहेगा।
बिहार सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी और स्वागत योग्य है। सर्दियों में सड़क हादसों को रोकने और लोगों की जान बचाने के लिए यह सख्ती आने वाले समय में बड़ा सकारात्मक असर दिखा सकती है।
अगर वाहन मालिक भी नियमों का पालन करें और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक बनें, तो बिहार की सड़कें न सिर्फ सुरक्षित होंगी बल्कि अनावश्यक दुर्घटनाओं में भी भारी कमी आएगी।
Bihar’s Transport Department has introduced strict rules to prevent fog-season accidents by taking tough action against vehicles parked on roadsides for more than two days. These new Bihar road safety measures include heavy fines, vehicle seizure, and driving license suspension. With fog-related accidents rising every winter, the government aims to promote awareness, reduce roadside parking risks, and improve overall traffic safety across the state.



















