Lok Sabha Elections: देश में लोकसभा चुनाव को लेकर अब मायावती ने चला अपना बड़ा दांव, अखिलेश की बढ़ी मुश्किल, क्या करेंगी BJP!

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AIN NEWS 1: देश में आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर अब सियासत ओर भी तेज हो गई है, जहां पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) लगातार इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार को चारो ओर से घेरते हुए आ रही है तो वहीं अब इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने भी अब इस मुद्दे पर ही योगी सरकार से जवाब तलब भी किया है.

हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से चार हफ्ते में ही इस पर जवाब देने को कहा है यही नहीं इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) भी अब इस मुद्दे पर ही एक कदम और आगे चली गई हैं. उन्होंने केवल यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में ही जातीय जनगणना कराने की अपनी मांग की है. उन्होंने कहा कि हमारे देश के सभी उपेक्षित वर्गों को जीवन की मुख्यधारा में लाना बेहद जरूरी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज इस मामले में एक के बाद एक कई ट्वीट किए और जातीय जनगणना को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से लेकर उन्होने केंद्र सरकार को भी अब आड़े हाथों लिया. उन्होंने इस मामले में कहा कि जातीय जनगणना की मांग लगातार जोर पकड़ रही है लेकीन बावजूद इसके बीजेपी इसे करवाना ही नहीं चाहती है जो बेहद ही चिंता की बात है. ये हमारे समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए ही बेहद जरूरी है.

जान ले जातीय जनगणना पर मायावती की क्या मांग

मायावती ने अपने ट्वीट में कहा, ‘ओबीसी समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही ऑकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना (caste census) को पटना हाईकोर्ट द्वारा पूर्णत वैध ठहराए जाने के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहाँ यह जरूरी प्रक्रिया कब होगी.’ उन्होंने इससे आगे बढ़कर कहा कि, ‘देश के कई राज्य में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी इसे कराने की माँग लगातार ज़ोर पकड़ रही है, किन्तु वर्तमान बीजेपी सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं लगती है, यह अति-चिन्तनीय, जबकि बीएसपी की माँग केवल यूपी में नहीं बल्कि केन्द्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी ही चाहिए.

उन्होने ‘केंद्र सरकार से कही ये बात

बसपा सुप्रीमो ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘देश में जातीय जनगणना का मुद्दा, मण्डल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण मामला है. समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित व शोषित लोगों को देश के विकास में अपना उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी.

‘आपको बता दें कि बिहार के बाद से ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लगातार ही यूपी में जातीय गणना कराने की अपनी मांग करते रहे हैं, कांग्रेस पार्टी भी इस पर काफ़ी पहले ही अपना समर्थन जता चुकी है और अब बसपा सुप्रीमो ने सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि इसे पूरे देश में ही जातीय जनगणना कराने की मांग कर दी है. जिसके बाद से माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में ये मुद्दा अभी और भी ज्यादा जोर-शोर से उठेगा.

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