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पहलगाम आतंकी हमला: स्थानीय मदद की पुष्टि, दो कश्मीरी युवकों ने दी थी आतंकियों को सहायता!

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Pahalgam Terror Attack: Local Support Confirmed, Two Kashmiri Men Aided Terrorists

पहलगाम आतंकी हमले में लोकल सपोर्ट की पुष्टि, दो कश्मीरी युवकों ने दी थी मदद

AIN NEWS 1: पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले को लेकर खुफिया एजेंसियों की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में आतंकियों को दो स्थानीय कश्मीरी युवकों से मदद मिली थी। इन दोनों की पहचान मोहम्मद आदिल और मोहम्मद आसिफ के रूप में की गई है।

हमले की पृष्ठभूमि

यह आतंकी हमला बेहद सुनियोजित था और इसे अंजाम देने से पहले व्यापक तैयारी की गई थी। प्रारंभिक जांच में ही यह बात सामने आने लगी थी कि बिना स्थानीय सहयोग के इस प्रकार का बड़ा हमला संभव नहीं हो सकता। अब खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट ने इस शक को पुख्ता कर दिया है।

दोनों स्थानीय युवक कैसे जुड़े हमले से

मोहम्मद आदिल और मोहम्मद आसिफ नाम के दो स्थानीय मुसलमानों ने आतंकियों को हमले से पहले इलाके की रेकी (जासूसी) करने में मदद की। रेकी का मतलब होता है हमले से पहले इलाके की पूरी जानकारी जुटाना—कहाँ कितनी सुरक्षा है, लोग किस समय आते-जाते हैं, और किन रास्तों से भागा जा सकता है।

इन दोनों ने आतंकियों को जंगलों के रास्तों, सुरक्षा बलों की तैनाती और आम नागरिकों की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। यही नहीं, ये दोनों युवकों ने आतंकियों के ठहरने और छिपने की व्यवस्था भी की थी।

जंगल में छिपे थे आतंकी

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, हमले से पहले 5 से 6 आतंकी जंगलों में छिपे हुए थे। इन आतंकियों ने अपने साथ पूरी तैयारी करके आए थे। उनके बैग में गोलियों के साथ-साथ ड्राई फ्रूट्स भी थे, जिससे साफ होता है कि वे लंबे समय तक ऑपरेशन को अंजाम देने की तैयारी में थे।

ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल अक्सर आतंकवादी लम्बे समय तक जंगलों में रहने के लिए करते हैं क्योंकि ये खाने में आसान और ज्यादा ऊर्जा देने वाले होते हैं।

खुफिया एजेंसियों की सक्रियता

खुफिया एजेंसियों ने इस मामले में गंभीरता से जांच की और लोकल नेटवर्क को खंगाला। मोबाइल कॉल डिटेल्स, लोकेशन ट्रैकिंग और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के बाद एजेंसियों ने इन दोनों स्थानीय युवकों की भूमिका का पता लगाया।

जांच में यह भी सामने आया है कि इन दोनों युवकों का संपर्क सीमापार से जुड़े आतंकी संगठनों से रहा है। यह आशंका भी जताई जा रही है कि इन्हें पैसे या अन्य प्रलोभनों के बदले में आतंकियों की मदद के लिए तैयार किया गया था।

आतंकियों की तैयारी

आतंकी न केवल हथियारों से लैस थे, बल्कि उनके पास खाने-पीने का पर्याप्त सामान भी था। इससे साफ होता है कि यह हमला अचानक नहीं, बल्कि लम्बे समय से योजनाबद्ध था। आतंकियों के पास मिले बैग में ड्राई फ्रूट्स, नक्शे, वायरलेस सेट और अतिरिक्त गोलियां थीं।

यह सब दर्शाता है कि हमला केवल डर फैलाने के लिए नहीं, बल्कि एक बड़े मिशन का हिस्सा था।

स्थानीय समर्थन की भूमिका पर सवाल

यह पहला मौका नहीं है जब किसी आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की संलिप्तता सामने आई हो। लेकिन पहलगाम हमले के बाद यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है। स्थानीय लोगों का आतंकी गतिविधियों में शामिल होना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि कश्मीर के आम नागरिकों की छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।

आगे की कार्रवाई

फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों ने मोहम्मद आदिल और मोहम्मद आसिफ को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। उनके मोबाइल, सोशल मीडिया और कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस नेटवर्क में और लोग भी शामिल हैं।

सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और स्थानीय स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, आतंकियों को पनाह देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात भी कही गई है।

पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला न केवल सुरक्षा व्यवस्था की चुनौती को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अब आतंकियों को लोकल सपोर्ट मिल रहा है, जिससे उनका नेटवर्क और भी खतरनाक होता जा रहा है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि आने वाले समय में ऐसे नेटवर्क्स को ध्वस्त करने के लिए अभियान तेज किया जाएगा।

इस हमले की साजिश और उसमें स्थानीय लोगों की भूमिका को उजागर करना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

The Pahalgam terror attack has taken a new turn as intelligence reports confirm that local support was provided to the terrorists. Two Kashmiri men, Mohammad Adil and Mohammad Asif, allegedly helped the attackers by conducting reiki of the target area. The involvement of local individuals in aiding terrorism in Kashmir is a serious security concern. The planning was detailed, with terrorists carrying ammunition and dry fruits, indicating their preparedness. This article gives a comprehensive update on the intelligence findings and the background of the local supporters.

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