AIN NEWS 1: ग्रेटर नोएडा में एक बार फिर पुलिस की बदनाम कार्यप्रणाली सामने आई है। हल्दौनी मोड़ पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने कार नहीं रोकने के आरोप में चार युवकों को चौकी में बंद कर बुरी तरह पीटा। इस घटना का ऑडियो एक पीड़ित युवक के मोबाइल में रिकॉर्ड हो गया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
घटना का विवरण:
सलारपुर गांव का एक युवक ग्रेटर नोएडा के एक कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई कर रहा है। रविवार को, वह और उसके तीन दोस्त कार से सूरजपुर जा रहे थे। जब उनकी कार हल्दौनी मोड़ पर पहुंची, तो एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने अचानक कार के आगे आकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। पुलिसकर्मी ने आरोप लगाया कि कार चला रहे युवक ने उसे देखा नहीं, जबकि युवक ने कहा कि उसे किसी पुलिसकर्मी ने हाथ नहीं दिया।
मारपीट और रिश्वत की मांग:
पुलिसकर्मी ने कार की चाबी निकाल ली और युवकों को कुलेसरा पुलिस चौकी ले गया। वहां पहले से मौजूद 8-10 पुलिसकर्मियों ने चारों युवकों को बुरी तरह पीटा। एक युवक के मोबाइल में रिकॉर्ड हुए ऑडियो में पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट, गालियां देने और युवकों के चिल्लाने की आवाजें सुनी जा सकती हैं। इसके बाद, पुलिसकर्मियों ने युवकों को ईकोटेक थाने भेजा और उन्हें छोड़ने के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। जब युवकों ने पैसे देने से मना किया, तो उनकी जेब में रखे 30 हजार रुपए निकाल लिए। साथ ही, उन्हें एक झूठे शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।
पुलिस की कार्रवाई और निलंबन:
युवकों ने घर जाकर घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी। इसके बाद, पीड़ितों के परिजनों ने डीसीपी सेंट्रल नोएडा से शिकायत की। मामले की जांच के बाद, एक ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर, एक कांस्टेबल और एक हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर दबाव:
पीड़ित छात्र ने घटना का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किया और नोएडा और यूपी पुलिस को टैग किया। इसके बाद, अलग-अलग नंबरों से उसे धमकियां मिलने लगीं। आरोप है कि पुलिस के एक अधिकारी ने रात को उसके घर जाकर गेट खुलवाने का दबाव बनाया और सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट करने की धमकी दी।
यह घटना पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है और निलंबन के बावजूद सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।