AIN NEWS 1 | दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले CAG (कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट लीक हुई है, जिसमें शराब नीति से जुड़े गंभीर आरोप सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा 2021 में लाई गई नई शराब नीति के कारण सरकार को 2026 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ।
CAG रिपोर्ट में क्या कहा गया?
- LG की मंजूरी नहीं ली गई:
- कई फैसले, जैसे शराब की दुकानें खोलने की अनुमति और लाइसेंस शुल्क में छूट, उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना लिए गए।
- जनवरी 2022 में कोविड प्रतिबंधों के कारण 144 करोड़ रुपए की छूट कैबिनेट की मंजूरी के बिना दी गई।
- लाइसेंस में अनियमितता:
- शराब की दुकानें उन वार्डों में खोली गईं, जहां यह अनुमति नहीं थी।
- घाटा झेलने वाले ठेकेदारों को भी लाइसेंस दिया गया।
- घूस के आरोप:
- रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शराब नीति के तहत आम आदमी पार्टी के नेताओं को कथित रूप से घूस के जरिए फायदा पहुंचाया गया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
- बीजेपी का हमला:
बीजेपी के जेपी नड्डा ने कहा, “CAG रिपोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार की पोल खोल दी। जानबूझकर की गई चूक से सरकार को 2026 करोड़ का नुकसान हुआ।” - AAP का बचाव:
आम आदमी पार्टी ने रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “CAG रिपोर्ट कहां है? ये दावे कहां से आ रहे हैं? बीजेपी अपना मानसिक संतुलन खो चुकी है।”
LG द्वारा केस चलाने की अनुमति:
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 21 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शराब नीति मामले में केस चलाने की मंजूरी दी।
केजरीवाल के खिलाफ ED का केस:
- मार्च 2024 में ED ने केजरीवाल पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में फैसला सुनाया था कि पब्लिक सर्वेंट पर केस चलाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है। इसके बाद ED ने LG से इजाजत मांगी।
शराब नीति विवाद का इतिहास:
- 2021 में लागू की गई नई शराब नीति पर सवाल उठने के बाद इसे वापस ले लिया गया।
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे।
- दोनों नेताओं को जेल जाना पड़ा, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
CAG रिपोर्ट और इससे जुड़े आरोपों ने चुनाव से पहले दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब इस रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाएगा, जिसके बाद राजनीतिक बवाल और बढ़ने की संभावना है।