AIN NEWS 1: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए कथित हमले की जांच लगातार नए मोड़ ले रही है। अब इस मामले में राजकोट निवासी तहसीन सैयद उर्फ बापू का नाम सामने आया है। पुलिस पूछताछ में तहसीन ने स्वीकार किया कि आरोपी राजेश खिमजी सकारिया से उसकी पुरानी जान-पहचान थी और उसने उसे पैसे भी दिए थे। यही नहीं, तहसीन को पहले से ही इस योजना की जानकारी थी लेकिन उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
Tehseen Saiyed’s confession in the Delhi CM Rekha Gupta attack case has revealed shocking details about his financial help to Rajesh Khimji Sakhariya and their constant communication before the incident. According to Delhi Police and IB investigation, Tehseen not only gave money but was also aware of Rajesh’s violent intentions. The case highlights a serious security lapse in protecting Delhi Chief Minister Rekha Gupta and exposes the criminal background of Rajesh Khimji, making this attack plot even more alarming.
हमले से पहले हुई बातचीत
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी राजेश खिमजी ने हमले से ठीक पहले अपने दोस्त तहसीन सैयद को फोन किया था। फोन पर उसने दिल्ली जाने और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात की बात कही। राजेश ने तहसीन से पांच हजार रुपये मांगे लेकिन तहसीन ने उसे केवल दो हजार रुपये ही भेजे। बातचीत के दौरान राजेश ने यह भी कहा कि अगर उसकी बात नहीं बनी तो वह हमला कर देगा।
तहसीन ने पूछताछ में बताया कि उसने राजेश की बात को मजाक में समझा और इस वजह से पुलिस को जानकारी नहीं दी। हालांकि, अब यह बयान जांच के घेरे में है।
दिल्ली पुलिस, आईबी और स्पेशल सेल की पूछताछ
शनिवार को दिल्ली पुलिस, खुफिया ब्यूरो (IB) और स्पेशल सेल की संयुक्त टीम ने तहसीन से पूछताछ की। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह राजेश को लगभग दस साल से जानता है और उसके हिंसक स्वभाव से भी परिचित है।
जांच अधिकारियों का कहना है कि तहसीन के फोन की भी जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि दोनों के बीच और किस तरह की बातचीत हुई थी।
हमले से पहले लगातार संपर्क
सूत्रों ने बताया कि हमले से पहले तक राजेश और तहसीन लगातार संपर्क में थे। राजेश ने यहां तक कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शालीमार बाग स्थित आवास का वीडियो भी तहसीन को भेजा था। यही नहीं, हमले के दिन बुधवार को, जब मुख्यमंत्री के कार्यालय में जनसुनवाई चल रही थी, उससे पहले तक भी दोनों के बीच बातचीत होती रही।
इस आधार पर पुलिस को शक है कि तहसीन की भूमिका केवल पैसों तक सीमित नहीं हो सकती।
तहसीन को लाया गया दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने तहसीन सैयद को शुक्रवार रात राजकोट से हिरासत में लेकर दिल्ली लाया। राजकोट में उससे शुरुआती पूछताछ की गई थी, जिसके बाद उसे दिल्ली बुलाकर आरोपी राजेश खिमजी के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई। पुलिस का मानना है कि तहसीन की ओर से मिली जानकारी मामले की तह तक जाने में मदद कर सकती है।
आरोपी राजेश खिमजी का आपराधिक इतिहास
हमले का आरोपी राजेश खिमजी सकारिया पहले से ही आपराधिक मामलों में लिप्त रहा है। उस पर अवैध शराब तस्करी और हिंसा के कई मामले दर्ज हैं।
2017: खिमजी ने एक व्यक्ति के सिर पर तलवार से हमला किया और बैट से उसकी पिटाई की।
2020 और 2022: उस पर गुजरात मद्यनिषेध अधिनियम और सीआरपीसी की धाराओं में कार्रवाई की गई।
2021: बंबई पुलिस अधिनियम की धारा 56 के तहत उसे निर्वासित किया गया।
2022: अपनी पत्नी से झगड़े के बाद उसने खुद को ब्लेड से घायल कर लिया और नौ टांके लगे।
इससे साफ है कि खिमजी का इतिहास खतरनाक रहा है और वह हिंसक प्रवृत्ति का व्यक्ति है।
पुलिस की जांच का अगला कदम
फिलहाल राजेश खिमजी पुलिस की पांच दिन की हिरासत में है। पुलिस उसकी गतिविधियों और संपर्कों की गहन जांच कर रही है। हालांकि, अब तक उससे कोई नई और बड़ी जानकारी सामने नहीं आई है।
इसी बीच तहसीन सैयद को भी दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है। जांच अधिकारी मानते हैं कि तहसीन की भूमिका को लेकर और भी तथ्य सामने आ सकते हैं।
पूरे मामले से जुड़े बड़े सवाल
इस पूरे प्रकरण ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं—
क्या तहसीन सैयद ने जानबूझकर जानकारी पुलिस से छुपाई?
क्या उसने राजेश को सिर्फ पैसों से मदद की या योजना का हिस्सा भी था?
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में ऐसी खामी कैसे रह गई कि आरोपी हमला करने के लिए पास तक पहुंच गया?
इन सवालों के जवाब मिलना जरूरी है क्योंकि मामला सीधे-सीधे एक संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा है।



















