AIN NEWS 1 | भारत ने ओडिशा तट से एकीकृत हवाई रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस प्रणाली का परीक्षण शनिवार देर रात लगभग साढ़े 12 बजे किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को इस उपलब्धि पर बधाई दी।
IADWS – बहुस्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली
IADWS एक बहुस्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली है, जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, बहुत कम दूरी की हवाई रक्षा प्रणाली (VSHORDS) और लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) शामिल हैं। इसका उद्देश्य भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूत बनाना और दुश्मन के खतरों को समय रहते निष्क्रिय करना है।
‘सुदर्शन चक्र’ की खासियत
भारत द्वारा विकसित सुदर्शन चक्र एक अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली है। इसकी प्रमुख क्षमताएँ इस प्रकार हैं:
2500 किलोमीटर तक की रेंज में दुश्मन की मिसाइलों को तबाह करने में सक्षम।
150 किलोमीटर की ऊंचाई तक हवाई मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और लेजर-गाइडेड सिस्टम से लैस, जिससे लक्ष्य भेद्यता अत्यंत सटीक।
मिसाइल की गति 5 किलोमीटर प्रति सेकंड तक।
ग्राउंड-बेस्ड और स्पेस-बेस्ड हाइब्रिड सिस्टम, जिसमें सैटेलाइट और रडार नेटवर्क शामिल।
सरकार का लक्ष्य इसे 2026 तक पूरी तरह तैनात करना है, और इसकी अनुमानित लागत लगभग 50,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
हाल ही में अग्नि-5 की सफल टेस्टिंग
इसी सप्ताह भारत ने अपनी मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का भी सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से किया गया। मिसाइल ने सभी संचालनात्मक और तकनीकी मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इससे भारत की रणनीतिक क्षमता और रक्षा शक्ति में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
सुदर्शन चक्र और अग्नि-5 की सफल टेस्टिंग भारत की स्वदेशी रक्षा प्रणाली और रणनीतिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इससे देश की हवाई और मिसाइल रक्षा क्षमता और मजबूत होगी।



















