शिव मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, कुएं से मिली ऐतिहासिक मूर्तियां
AIN NEWS 1: संभल में 46 साल बाद खोले गए ऐतिहासिक कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर में मंगलवार सुबह से ही भक्तों का तांता लग गया। सुबह 5 बजे से श्रद्धालु मंदिर पहुंचने लगे। हनुमानजी को चोला चढ़ाने और शिवलिंग के विशेष श्रृंगार के साथ सुबह 7:30 बजे आरती संपन्न हुई।
पुजारी शशिकांत शुक्ला ने बताया कि सुबह 4 बजे से मंदिर की सफाई और पूजा की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। भक्तों में इस अवसर को लेकर जबरदस्त उत्साह दिखा। उन्होंने कहा, “योगी जी और मोदी जी के प्रयासों से मंदिर फिर से खुला है, जिससे हमें अपार खुशी है।”
विशेष पूजन और सुरक्षा के इंतजाम
मंगलवार को संकट मोचन हनुमानजी का विशेष पूजन किया गया। हनुमानजी को चोला चढ़ाने के बाद श्रद्धालुओं ने संकट मोचन से आशीर्वाद लिया। शिवलिंग पर भव्य श्रृंगार किया गया, जिसमें फूल, बेलपत्र और अन्य पूजा सामग्री से सजावट की गई। मंदिर परिसर में भक्तों के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल तैनात है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पुराने कुएं से मिली ऐतिहासिक मूर्तियां
शिव मंदिर परिसर में स्थित एक पुराने कुएं की सफाई के दौरान तीन मूर्तियां मिलीं। ये मूर्तियां मां पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की हैं। प्रशासन इन मूर्तियों के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का आकलन कर रहा है। मूर्तियां मिलने के बाद कुएं को चारों ओर से बैरिकेडिंग कर सील कर दिया गया है।
स्थानीय महिलाएं कुएं से निकली मिट्टी को शुभ मानकर अपने घर ले गईं। उन्होंने बताया कि इस मिट्टी में तुलसी का पौधा लगाकर इसे पूजनीय बनाएंगी।
मंदिर के आसपास अतिक्रमण का मामला
कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित मुस्लिम समुदाय के तीन मकानों पर प्रशासन की नजर है। सोमवार शाम को पुलिस और राजस्व विभाग की टीम नक्शा लेकर वहां पहुंची और मकानों की नाप-जोख की। जांच में पाया गया कि मकानों का कुछ हिस्सा मंदिर की सीमा में अतिक्रमण कर बना है।
इन मकानों के बुर्ज पर बने छज्जों को लेकर प्रशासन ने आपत्ति जताई है। मंगलवार सुबह राजस्व विभाग और पुलिस की टीम ने दोबारा नाप-जोख की। पुजारी शशिकांत शुक्ला ने कहा, “यह मंदिर वर्षों पुराना है, हमें उम्मीद है कि प्रशासन मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई करेगा।”
श्रद्धालुओं में आस्था का माहौल
मंदिर खुलने के तीसरे दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। भक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक और पूजा की। सोमवार को शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया गया था, जिसमें भक्तों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
मंदिर के बाहर भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। भक्तों ने कहा कि इतने वर्षों बाद मंदिर खुलने से उनकी वर्षों पुरानी मुराद पूरी हुई है।
आस्था और प्रशासन का तालमेल
मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ-साथ मंदिर परिसर के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई है।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि वे आसानी से पूजा और दर्शन कर सकें। भक्तों ने कहा कि प्रशासन और सरकार के प्रयासों से इतने लंबे समय बाद मंदिर में पूजा का सौभाग्य मिल रहा है।
महत्वपूर्ण बिंदु
कुएं से मिली मूर्तियां: मां पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की मूर्तियां मिलीं।
अतिक्रमण विवाद: मंदिर सीमा के आसपास बने मकानों पर प्रशासन की कार्रवाई।
भक्तों का उत्साह: दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे।
विशेष पूजन: शिवलिंग और हनुमानजी का भव्य श्रृंगार।
46 साल बाद कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर के खुलने से क्षेत्र में आस्था और उत्साह का माहौल है। प्रशासन और सरकार के प्रयासों से श्रद्धालुओं को एक ऐतिहासिक मंदिर में पूजा-अर्चना का सौभाग्य मिला। सुरक्षा के कड़े इंतजाम और भक्तों के लिए विशेष व्यवस्थाओं ने इस पवित्र मौके को और खास बना दिया है।