हवा जिसमें हम सांस लेते हैं: देश के बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता की सच्चाई!

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AIN NEWS 1: सुबह की ताज़ी हवा में गहरी सांस लेना किसी भी इंसान के लिए सुकून देने वाला अनुभव होता है। लेकिन देश के कई बड़े शहरों में यह सुकून अब धीरे-धीरे चिंता में बदलता जा रहा है। 30 दिसंबर 2025 की सुबह 9 बजे तक दर्ज किए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़े यही बताते हैं कि हम जिस हवा में सांस ले रहे हैं, वह कई जगहों पर सेहत के लिए सुरक्षित नहीं रह गई है।

वायु प्रदूषण अब केवल पर्यावरण से जुड़ा मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह सीधे तौर पर लोगों की सेहत, बच्चों के भविष्य और बुजुर्गों की उम्र से जुड़ गया है। खासकर उत्तर भारत के शहरों में ठंड के मौसम के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर और भी गंभीर हो जाता है।

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वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) क्या बताता है?

AQI एक ऐसा पैमाना है जो यह बताता है कि किसी शहर की हवा इंसान के लिए कितनी सुरक्षित या खतरनाक है। इसका स्तर जितना ज्यादा होता है, हवा उतनी ही ज़्यादा जहरीली मानी जाती है।

0–50 : अच्छी

51–100 : संतोषजनक

101–200 : मध्यम

201–300 : खराब

301–400 : बहुत खराब

401 से ऊपर : गंभीर

अब आइए जानते हैं कि देश के प्रमुख शहरों में 9:00 बजे सुबह हवा की हालत कैसी रही।

🏙️ प्रमुख शहरों का AQI (सुबह 9 बजे)

दिल्ली (आनंद विहार)

AQI: 374

राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज की गई। इस स्तर पर सांस लेना अस्थमा, दिल और फेफड़ों के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है।

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नोएडा (सेक्टर-1)

AQI: 352

नोएडा में भी हालात बेहद चिंताजनक हैं। सुबह की सैर या खुले में व्यायाम करने वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

गुरुग्राम (विकास सदन)

AQI: 231

गुरुग्राम की हवा “खराब” श्रेणी में रही। लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने से सिरदर्द, आंखों में जलन और सांस की दिक्कत हो सकती है।

चंडीगढ़ (सेक्टर-25)

AQI: 170

यहां हवा मध्यम श्रेणी में रही, जो पूरी तरह सुरक्षित तो नहीं, लेकिन गंभीर भी नहीं मानी जाती।

लखनऊ (सेंट्रल स्कूल)

AQI: 192

उत्तर प्रदेश की राजधानी में भी प्रदूषण मध्यम स्तर पर दर्ज किया गया।

मुंबई (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स)

AQI: 172

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी हवा पूरी तरह साफ नहीं कही जा सकती।

चेन्नई (मनाली)

AQI: 210

चेन्नई की हवा खराब श्रेणी में पहुंच गई, जो आमतौर पर वहां कम देखने को मिलता है।

हैदराबाद (ICRISAT, पटनचेरु)

AQI: 162

हैदराबाद में स्थिति मध्यम रही, लेकिन संवेदनशील लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

बेंगलुरु (BTM)

AQI: 146

बेंगलुरु की हवा अन्य महानगरों की तुलना में थोड़ी बेहतर रही।

कोलकाता (बिधाननगर)

AQI: 166

पटना (सरकारी हाई स्कूल, शिकारपुर)

AQI: 154

शिलांग (IN स्टेडियम)

AQI: 168

📊 AQI श्रेणियों का कुल आंकड़ा

देशभर में दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार:

अच्छी हवा (0–50) : 3 स्थान

संतोषजनक (51–100) : 10 स्थान

मध्यम (101–200) : 65 स्थान

खराब (201–300) : 3 स्थान

बहुत खराब (301–400) : 2 स्थान

गंभीर (>401) : 2 स्थान

यह आंकड़े साफ बताते हैं कि देश के ज्यादातर हिस्सों में हवा “मध्यम” से लेकर “खराब” श्रेणी में बनी हुई है।

🚨 इसका सेहत पर क्या असर पड़ता है?

लगातार प्रदूषित हवा में सांस लेने से:

बच्चों में फेफड़ों का विकास प्रभावित होता है

बुजुर्गों को सांस और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है

आंखों में जलन, खांसी, थकान और सिरदर्द जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जब AQI 200 से ऊपर हो:

बाहर निकलते समय मास्क पहनें

सुबह की सैर से बचें

घर के अंदर हवा साफ रखने के उपाय करें

🌱 आगे क्या जरूरी है?

वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सिर्फ सरकार ही नहीं, आम लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है। निजी वाहनों का कम इस्तेमाल, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा, पेड़ लगाना और कचरा न जलाना जैसे छोटे कदम बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

30 दिसंबर 2025 की सुबह के आंकड़े यह साफ संकेत देते हैं कि देश के कई बड़े शहरों में हवा अब भी चिंता का विषय बनी हुई है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में यह समस्या और गंभीर हो सकती है। साफ हवा हर नागरिक का अधिकार है और इसे बचाना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।

India is facing a serious air pollution crisis as the air quality index in major cities like Delhi, Noida, Gurugram, Mumbai and Chennai continues to remain in poor and very poor categories. Rising AQI levels highlight the growing health risks caused by air pollution in India, making air quality monitoring and awareness more important than ever.

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