AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बड़ा विवाद सामने आया है। समाजवादी पार्टी (सपा) की पूर्व विधायक पूजा पाल ने हाल ही में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि अगर उन्हें कोई नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव जिम्मेदार होंगे। इस पत्र ने प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है।
अखिलेश यादव का बयान: “अगर पूजा पाल को कुछ हुआ तो बीजेपी मारेगी और जेल हम जाएंगे”
रविवार को लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकारों ने इस मामले पर सवाल किया, तो अखिलेश यादव ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा,
“यह बहुत गंभीर मामला है। अगर किसी व्यक्ति को खतरा है और वह मुख्यमंत्री से मिले हैं, तो यह कैसे संभव है? अगर बीजेपी उन्हें नुकसान पहुंचाएगी, तो जेल हमें क्यों जाना पड़ेगा?”
पूजा पाल का आरोप: “मेरी जान पर खतरा और जिम्मेदारी”
पूजा पाल ने अपने पत्र में लिखा कि सपा के कुछ लोग सोशल मीडिया पर उन्हें गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति के हत्यारों को सजा मिल चुकी है और अब उनका उद्देश्य पूरा हो चुका था।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा,
“अगर मेरी हत्या होती है, तो इसके लिए जिम्मेदार केवल अखिलेश यादव होंगे। पार्टी ने मुझे बीच रास्ते में छोड़ दिया, जिससे अपराधियों का हौसला बढ़ा है।”
इस पत्र ने राजनीतिक माहौल को और गरम कर दिया है।
अखिलेश यादव का पलटवार: “बीजेपी खेल रही है दुष्प्रचार”
अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक पूजा पाल सपा में थीं, तब उन्हें कभी जान का खतरा नहीं महसूस हुआ। अब अचानक ऐसा क्यों कहा जा रहा है? उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी उन्हें मोहरा बना रही है और सपा के खिलाफ दुष्प्रचार करवा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की जांच केवल राज्य सरकार से नहीं हो सकती। इसलिए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर केंद्र से जांच कराने की मांग की।
सपा का रुख: “केवल केंद्र से न्याय संभव”
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है। उनका मानना है कि यदि केंद्रीय एजेंसियां जांच करेंगी तो सच सामने आएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि इतने सालों तक पार्टी के साथ रहने के बावजूद पूजा पाल को खतरे का अहसास क्यों नहीं था?
पूजा पाल का संघर्ष और पृष्ठभूमि
पूजा पाल ने अपने पति की हत्या के बाद लंबे समय तक न्याय की लड़ाई लड़ी। उनके पति के हत्यारों को सजा मिलने के बाद उनका उद्देश्य पूरा हुआ। अब राजनीति के इस मोड़ ने उन्हें एक बार फिर चर्चा में ला दिया।
राजनीतिक मायने
विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद यूपी की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। बीजेपी इसे सपा की छवि पर सवाल उठाने के लिए इस्तेमाल कर सकती है। सपा इसे राजनीतिक साजिश बता कर समर्थकों को एकजुट करने का प्रयास करेगी। पूजा पाल की चिट्ठी दोनों दलों को आमने-सामने ला चुकी है।
पूजा पाल और अखिलेश यादव के बयानों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया है। पूजा पाल कह रही हैं कि यदि उन्हें नुकसान हुआ तो जिम्मेदार केवल अखिलेश यादव हैं, वहीं अखिलेश का कहना है कि बीजेपी इस पूरे मामले को मोहरा बनाकर सपा के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। अब यह देखना बाकी है कि केंद्र सरकार इस मामले की जांच करेगी या यह सिर्फ चुनावी राजनीति का हिस्सा बनकर रह जाएगा।



















