जल्द ही चुनाव होने वाला है इसके लिए सारे नेता जोर शोर से तैयारी करने नें लग गए है और वही मध्य प्रदेश में टिकट बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन की समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में शुरु हुई और वही सियासी लड़ाई व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गई है. आपको बता दे सपा के सारे नेताओं ने मिलकर काग्रेस से लेकर राहुल गांधी तक तीखे और निजी आरोप लगाए. आरोप के साथ-साथ जमकर निशाना भी साधा. अखिलेश यादव ने बताया कि कांग्रेस के शीर्ष नेता का मुझे संदेश मिला है, मुझे उनकी बात माननी पड़ेगी. साथ यादव जी ने अपने नेताओं को कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी से भी रोक दिया। सपा के सूत्रों का दावा है कि राहुल गांधी ने काग्रेंस नेताओं की बयानबाजी पर नाराजगी जताते हुए अखिलेश को बातचीत रा सदेंश भिजवाया है। वहीं काग्रेस के सूत्रों ने भी बताया कि प्रदेश इकाई को सपा के खिलाफ बयानबाजी से बचने के लिए कहा गया है।
अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत कर दी जानकारी
बता दे आपको अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब कांग्रेस को गठबंधन नहीं करना था, तो हमें बुलाया ही क्यों था? वह अब भी मना कर दें. लेकिन साजिश न करे. कांग्रेस को समाजवादी का जरुरत नही है। वही अखिलेश यादव ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय की भी टिप्पणी कर जवाब दिया। उन्होनें हरदोई नें कहा कि , बात पिताजी तक न पहुंचे, तो अच्छा है। नही, तो समाजवादी पार्टी जवाब देना जानता है और वही फिर कमलनाथ के बयान पर अखिलेश बोले- उनसे हमारे अच्छे संबंध है। जिसके नाम में कमल होगा, वह अखिलेश कहेगे ना की वखिलेश.साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा कि ‘जब कांग्रेस सबसे ज्यादा कमजोर होगी तब सपा की जरूरत पड़ेगी. उन्हें किसी बिंदु पर लगे कि समाजवादियों की जरूरत होगी तो ऐसे समय में हम अपनी पुरानी परंपरा में रहेंगे और कांग्रेस की मदद को आगे आएंगे, क्योंकी हमारे डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और नेताजी मुलायम सिंह यादव कह चुके हैं कि कांग्रेस जब सबसे ज्यादा कमजोर होगी तब उन्हें सपा की जरूरत होगी, ऐसे में हमें कांग्रेस का साथ देना होगा.