India’s Largest Lock Museum to Be Built in Aligarh with ₹27 Crore Investment
अलीगढ़ में 27 करोड़ की लागत से बनेगा देश का सबसे बड़ा ‘ताला संग्रहालय’
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर को जल्द ही एक नई पहचान मिलने जा रही है—‘ताला संग्रहालय’ के रूप में। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा और नेतृत्व में अलीगढ़ में ₹27 करोड़ की लागत से देश का सबसे बड़ा लॉक म्यूजियम बनने जा रहा है। यह परियोजना मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुई है और इसे नगर विकास मंत्रालय द्वारा हरी झंडी मिल चुकी है।
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीना ने जानकारी दी कि अलीगढ़, जो दशकों से “ताला और तालीम” के लिए प्रसिद्ध है, अब इस संग्रहालय के ज़रिए वैश्विक मानचित्र पर एक अलग पहचान बनाएगा। उन्होंने बताया कि ताला संग्रहालय के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर शासन को भेजा जाएगा और वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।
🏗 क्यों है यह संग्रहालय खास?
यह ताला संग्रहालय न केवल अलीगढ़ की ऐतिहासिक पहचान को संरक्षित करेगा, बल्कि यह स्थानीय कारीगरों, उद्योगपतियों और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगा। अलीगढ़ का ताला उद्योग 150 साल से भी पुराना है और हस्तनिर्मित तालों से इसकी शुरुआत हुई थी। यह संग्रहालय इस समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करेगा और उद्योग के आधुनिकीकरण को भी बढ़ावा देगा।
मीना के अनुसार, संग्रहालय में एक विशेष खंड भी होगा, जिसमें अत्याधुनिक तकनीकों और नवाचारों के प्रदर्शन की व्यवस्था होगी। इससे तकनीकी विशेषज्ञों को भी आकर्षित किया जाएगा, जो भारत के ‘ताला शहर’ अलीगढ़ को और बेहतर बनाने में मदद कर सकेंगे।
👪 किसके लिए उपयोगी होगा ये संग्रहालय?
मंडलायुक्त संगीता सिंह ने इस पहल को अलीगढ़ नगर निगम का एक “सराहनीय अभिनव प्रयास” बताया है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय उद्योग जगत के लिए एक नई दिशा तय करेगा और यह अलीगढ़ ही नहीं, आस-पास के जिलों के नागरिकों, व्यापारियों और स्कूली बच्चों के लिए भी रोचक अनुभव होगा।
महापौर प्रशांत सिंघल ने भी इस संग्रहालय को वर्तमान नगर निगम बोर्ड की सबसे बड़ी सौगात बताया। उनका कहना है कि यह संग्रहालय पर्यटन को बढ़ावा देगा, स्थानीय व्यापार को मजबूत करेगा और अलीगढ़ की ब्रांड वैल्यू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाएगा।
🎡 क्या-क्या मिलेगा संग्रहालय में?
इस म्यूजियम को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की योजना है। इसमें बच्चों के लिए खेलकूद, मौज-मस्ती, फूड क्राफ्ट और अन्य मनोरंजक सुविधाएं भी मौजूद होंगी। संग्रहालय केवल तालों के इतिहास तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह एक पारिवारिक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
🛠 ताले बनाने वालों की विरासत को सम्मान
प्रसिद्ध ताला निर्माता विजय कुमार बजाज, जिनका परिवार पिछले 75 वर्षों से इस उद्योग से जुड़ा हुआ है, ने इस परियोजना को “नई ऊर्जा बहाल करने वाला नवाचार” बताया है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय न केवल पुराने समय के ताले और तकनीक को सहेजेगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित भी करेगा।
🔧 कब तक बनेगा संग्रहालय?
नगर आयुक्त के अनुसार, यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला तो अगले 6-7 महीनों में ताला संग्रहालय का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। संग्रहालय का डिजाइन विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जा रहा है और शासन द्वारा वित्तीय स्वीकृति मिलते ही जमीन पर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
The Uttar Pradesh government has approved the construction of India’s largest Lock Museum in Aligarh with a budget of ₹27 crore under the CM Global Urban Renewal Scheme. This innovative Lock Museum will showcase over 150 years of Aligarh’s lock-making heritage, modern manufacturing techniques, and serve as a key hub for industrial tourism. The project will boost the identity of Aligarh as the “City of Locks” and create new employment opportunities. It’s a landmark initiative expected to attract global experts and visitors alike.
अलीगढ़ का ‘ताला संग्रहालय’ केवल एक भवन नहीं होगा, बल्कि यह इतिहास, नवाचार और भविष्य की संभावनाओं का संगम होगा। यह पहल अलीगढ़ को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और यूपी सरकार की दूरदर्शिता का प्रमाण भी। जल्द ही अलीगढ़ एक और गौरवपूर्ण पहचान के साथ देश-दुनिया के मानचित्र पर चमकेगा।
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